नयी दिल्ली : भारत के परमाणु उर्जा कार्यक्रम के जनक होमी जहांगीर भाभा के बंगले को लेकर अनिश्चितता बरकरार है और महाराष्ट्र सरकार ने मेहरानगीर को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने के लिए एक बार फिर गेंद केंद्र के पाले में डाल दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने […]
नयी दिल्ली : भारत के परमाणु उर्जा कार्यक्रम के जनक होमी जहांगीर भाभा के बंगले को लेकर अनिश्चितता बरकरार है और महाराष्ट्र सरकार ने मेहरानगीर को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने के लिए एक बार फिर गेंद केंद्र के पाले में डाल दी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने केंद्र सरकार से मेहरानगीर को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का आग्रह किया है क्योंकि इमारत 100 साल से अधिक पुरानी है. उन्होंने लिखा है मैं आपका ध्यान तत्कालीन मुख्यमंत्री (पृथ्वीराज चव्हाण) द्वारा 13 जून 2014 को लिखे गए पत्र की ओर आकृष्ट करना चाहूंगा जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार से डॉ होमी भाभा के आवास ह्यमेहरानगीरह्ण को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का आग्रह किया है.
पत्र में कहा गया है मैं यह बताना चाहूंगा कि राम विट्ठल धूरी (अदालत से गुहार लगाने वालों में से एक) ने यह साबित करने के लिए एक सर्वे का नक्शा उपलब्ध कराया है कि कथित नक्शे में नजर आ रहे ऐतिहासिक बंगले का सर्वे 1915 में किया गया था और 1932 में इसे दुरुस्त किया गया था. नक्शा प्रधानमंत्री कार्यालय को सौंपा गया है.
दक्षिण मुंबई में समुद्र के किनारे स्थित मेहरानगीर तीन मंजिला एक इमारत है जिसका आंशिक स्वामित्व भाभा के भाई के पास था. बाद में उन्होंने अपनी वसीयत में इसे नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स (एनसीपीए) को सौंप दिया था. पिछले साल जून में एनसीपीए ने बंगला 372 करोड रुपये में नीलाम कर दिया था.
परमाणु उर्जा विभाग (डीएई) के कर्मियों ने बंगले को राष्ट्रीय स्थल घोषित करने की मांग की. पिछले साल अप्रैल में डीएई ने राज्य सरकार को इस बारे में पत्र लिखा. तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा था कि वह इस मामले को देखेंगे. यूनियन की ओर से दो कर्मियों ने नीलामी के बाद बंबई उच्च न्यायालय से संपर्क किया.
डीएई कर्मियों ने भी अदालत से गुहार लगाई और हस्तक्षेप की मांग की. इन कर्मियों ने विवशता जाहिर की है क्योंकि इस बारे में फैसले के लिए बंबई उच्च न्यायालय द्वारा तय की गई समय सीमा पिछले सप्ताह समाप्त हो गई. अब डीएई परिवार की विभिन्न यूनियनों के कर्मियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जीतेंद्र सिंह को इस बारे में एक ज्ञापन सौंपा है.