नयी दिल्ली: रिश्वत देने के मामले में गिरफ्तार माइक्रोमैक्स के सह संस्थापक राजेश अग्रवाल और पांच अन्य को आज सीबीआई ने दो सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इन लोगों को न्यायिक हिरासत में तब भेजा गया जब एजेंसी ने कहा कि उनसे हिरासत में और पूछताछ करने की जरुरत नहीं है.सीबीआई हिरासत खत्म होने के बाद छह आरोपियों को अदालत के समक्ष पेश किया गया था. इन आरोपियों को 14 अगस्त को सीबीआई की हिरासत में सौंपा गया था.
विशेष सीबीआई न्यायाधीश पूनम बांबा ने हालांकि उत्तर दिल्ली नगर निगम(एनडीएमसी)के सहायक अभियंता एम के गुप्ता की सीबीआई हिरासत 23 अगस्त तक बढ़ा दी.सीबीआई ने गुप्ता की हिरासत बढ़ाने की मांग की. उसने कहा कि दोनों आरोपी अब भी फरार हैं और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए उनसे हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है. ये आरोपी कथित साजिश का हिस्सा थे.
माइक्रो मैक्स टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के सह संस्थापक अग्रवाल के अतिरिक्त जिन पांच अन्य आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है, उसमें मनीष तुली, एनडीएमसी के अधीक्षण अभियंता राजेश वाधवा, उसके दो अभियंता सतीश कुमार और नरेश कुमार और दिल्ली विकास प्राधिकरण के कनिष्ठ अभियंता राजेश गुप्ता शामिल हैं.अदालत ने 14 अगस्त को एनडीएमसी के अभियंता संजय कुमार और निजी व्यक्ति अशोक लांबा को 27 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया.वाधवा और एम के गुप्ता को 13 अगस्त को जयपुर में एक होटल से गिरफ्तार किया गया था. ये दोनों वहां कथित तौर पर छिपे हुए थे.