नयी दिल्ली: पाकिस्तान की एक अदालत की ओर से मुंबई हमले के साजिशकर्ता जकीउर रहमान लखवी को रिहा करने का आदेश दिए जाने से ‘अति चिंतित’ भारत ने आज पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब किया और कडा विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि यह सुनिश्चित करना इस्लामाबाद की जिम्मेदारी है कि लखवी जेल से बाहर नहीं आए.
कार्यवाहक विदेश सचिव अनिल वाधवा ने बासित को साउथ ब्लॉक तलब किया और अदालती आदेश को लेकर भारत की अप्रसन्नता से उन्हें अवगत कराया. विदेश सचिव एस जयशंकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विदेश यात्रा पर हैं, ऐसे में वाधवा कार्यवाहक विदेश सचिव की भूमिका निभा रहे हैं.
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान में भी भारतीय उच्चायुक्त के जरिए इस मामले को ‘उच्च स्तर पर उठाया गया’ है.केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट की ओर से लखवी को रिहा करने का आदेश दिए जाने के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पर्याप्त सबूत होने के बावजूद इस्लामाबाद ने उसे अदालत के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया.
जब उनसे पूछा गया कि क्या पाकिस्तानी एजेंसियों की ओर से इस मामले को जानबूझकर कमजोर करने की कोशिश हो रही है ,तो उन्होंने कहा, ‘‘आप चीजें अनुभव कर सकते हैं. जिस तरह पाकिस्तानी एजेंसियां मामले से निपट रही हैं. हमारा मानना है कि पाकिस्तान को आतंकवादियों के साथ उसी तरह निबटना चाहिए जैसा पूरी दुनिया करती है. ’’ यह कडी प्रतिक्रिया इस्लामाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश के कुछ ही घंटे बाद आई है जिसमें अदालत ने 2008 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड लखवी की हिरासत को गैरकानूनी बताया था.
रिजिजू ने कहा, ‘‘अच्छा या बुरा आतंकवादी जैसा कुछ नहीं होता और इस तथ्य को दुनियाभर में स्वीकार किया जा चुका है. ’’ मंत्री ने कहा, ‘‘भारत ने इस घटना पर पहले ही पाकिस्तान के समक्ष कडा विरोध जता दिया है. हमने विदेश मंत्रालय तक पहले ही अपनी बात पहुंचा दी है और हमारा रुख बिल्कुल स्पष्ट है कि पाकिस्तानी सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लखवी की जेल से रिहाई रोकने के लिए सभी कदम उठाए जाएं.’’जस्टिस नूरुल हक ने 55 वर्षीय लखवी की उस अपील को स्वीकार कर लिया जिसमें उसने खुद को तीसरी बार हिरासत में लिए जाने के आदेश को चुनौती दी थी. अदालत ने उसकी तत्काल रिहाई का आदेश दिया.
लखवी और छह अन्य- अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, हमाद अमीन सादिक, शाहिद जमील रियाज, जमील अहमद और यूनिस अंजुम को नवंबर 2008 में मुंबई हमले की साजिश रचने और उसे अंजाम देने का आरोपी बनाया गया. इन हमलों में 166 लोग मारे गए थे.