नयी दिल्ली : सरकार ने आज बताया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो ने कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में 10 कंपनियों के खिलाफ 10 प्राथमिकी दर्ज की है और इन मामलों में जांच जारी है.
कोयला राज्यमंत्री प्रतीक प्रकाश बापू पाटिल ने राजीव चंद्रशेखर के सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार कोल इंडिया लि ने अपनी सहायक कंपनियों के माध्यम से एक अपै्रल 2009 से 31 मार्च 2015 तक स्थापित या स्थापित किये जाने की संभावना वाले विद्युत संयंत्रों के साथ 61 ईंधन आपूर्ति करार किये थे.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा सीबीआई द्वारा दी गयी सूचना के अनुसार कोयला ब्लाक आवंटन में कथित अनियममितताओं के संबंध में तीन प्रारंभिक जांच के मामले दर्ज किये गये हैं. इनमें वर्ष 2006-09 की अवधि के दौरान निजी कंपनियों को कोयला ब्लॉकों के आवंटन, 1993-2004 की अवधि के दौरान निजी कंपनियों को कोयला ब्लाकों के आवंटन से संबंधित हैं.
पाटिल ने कहा कि सीबीआई द्वारा दी गयी सूचना के अनुसार 10 कंपनियों के मामले में 10 प्राथमिकी दर्ज की गयी हैं. बताया गया है कि जांच प्रगति पर है और कानून के दायरे में उचित कार्रवाई की जायेगी. कोयला राज्य मंत्री ने टी एन सीमा के एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में बताया कि कोयला खान (राष्ट्रीयकरण) कानून 1973 की धारा 3 के तहत पात्र सार्वजनिक एवं निजी कंपनियों को करीब 50 अरब टन के भूगर्भीय भंडार वाले कुल 218 कोयला ब्लाक आवंटित किये गये हैं.
पाटिल ने कहा कि इनमें से आवंटन रद्द करने या फिर से आवंटन करने अथवा रद्द किये गये आवंटन को फिर से लेने के बाद आज की तारीख के अनुसार 178 कोयला ब्लॉक आवंटित किये गये हैं. उन्होंने बताया कि इनमें से 35 कोयला ब्लॉकों में उत्पादन शुरु हो गया है.
कोयला राज्यमंत्री ने बताया कि तत्कालीन समीक्षा समिति और अंतर मंत्रालयी समूह (आईएमजी) की सिफारिशों के आधार पर सरकार ने अब तक 47 कोयला ब्लॉक आवंटन रद्द कर दिये हैं.
उन्होंने कहा कि रद्द किये गये 47 ब्लाकों में से दो ब्लाक पुन: आवंटित किये गये थे तथा एनटीपीसी (दामोदर घाटी कार्पोरेशन लि. ) झारखंड राज्य विद्युत बोर्ड को आवंटित पांच ब्लाकों के संबंध में आवंटन रद्द करने संबंधी पत्र वापस ले लिये गये हैं.