23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

राज्यसभा में चिदंबरम- कुरियन के बीच तकरार

नयी दिल्ली : एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में आज राज्यसभा में प्रक्रिया को लेकर वित्त मंत्री पी चिदंबरम और उपसभापति पी जे कुरियन के बीच तकरार हो गयी जिसके चलते सदन की कार्यवाही करीब एक घंटे तक बाधित रही. यह तकरार तब शुरु हुई जब कुरियन ने सदन में विपक्ष के नेता अरुण जेटली को जम्मू […]

नयी दिल्ली : एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में आज राज्यसभा में प्रक्रिया को लेकर वित्त मंत्री पी चिदंबरम और उपसभापति पी जे कुरियन के बीच तकरार हो गयी जिसके चलते सदन की कार्यवाही करीब एक घंटे तक बाधित रही.

यह तकरार तब शुरु हुई जब कुरियन ने सदन में विपक्ष के नेता अरुण जेटली को जम्मू कश्मीर के हिंसा प्रभावित किश्तवाड़ इलाके की स्थिति पर अपनी बात रखने के लिए कहा.

इससे पहले भाजपा सदस्यों ने जोरदार मांग की थी कि इस मुद्दे पर जेटली को बोलने दिया जाये क्योंकि कल उन्हें किश्तवाड़ जाने की अनुमति नहीं दी गयी थी.इस बीच, चिदंबरम ने कहा कि वह इस मुद्दे पर बयान देना चाहते हैं और उन्हें पहले अनुमति दी जानी चाहिए.

कुरियन ने कहा कि चूंकि वह पहले ही जेटली को अपनी बात रखने की अनुमति दे चुके हैं लिहाजा वित्त मंत्री जेटली के बाद बयान दे सकते हैं. उन्होंने चिदंबरम से कहा कि अगर उन्हें बयान देना था तो उन्हें इसकी सूचना पहले देनी चाहिए थी.

इस पर चिदंबरम ने नाराजगी जताते हुए कहा यह बिल्कुल नयी प्रक्रिया है. मैं सम्मानजनक तरीके से इस पर अपना विरोध दर्ज कराना चाहता हूं.कांग्रेस के अहमद पटेल, अंबिका सोनी और सत्यव्रत चतुर्वेदी ने चिदंबरम की बात का समर्थन करते हुए आसन से कहा कि सरकार को इस मुद्दे पर बयान देने की अनुमति पहले दी जानी चाहिए.

बहरहाल, कुरियन अपनी बात पर कायम रहे और कहा मैं जब यहां आया तो मैंने विपक्ष के नेता को बोलने की अनुमति दी. मुझे सरकार की ओर से कोई सूचना नहीं मिली थी. आपको पहले सूचित करना चाहिए था. मैंने विपक्ष के नेता को अपनी बात रखने की अनुमति दे दी है.

दूसरी ओर चिदंबरम आसन के फैसले पर लगातार अपना विरोध जताते रहे.भाजपा सदस्यों ने आसन के फैसले पर सत्तारुढ़ दल की आपत्तियों को लेकर विरोध जताया. इस पर हंगामा शुरु हो गया जिसके कारण कुरियन ने दोपहर 12 बज कर करीब दस मिनट पर बैठक आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी.

बैठक पुन: शुरु होने पर फिर यह विवाद उठा कि पहले बोलने की अनुमति किसे दी जानी चाहिए. किश्तवाड़ के मुद्दे पर बसपा प्रमुख मायावती, सपा नेता नरेश अग्रवाल और रामगोपाल यादव तथा माकपा के सीताराम येचुरी भी बोलना चाहते थे.कुरियन ने कहा कि आम तौर पर सरकार को सदन में अपनी बात रखने के लिए प्रमुखता दी जाती है लेकिन वह पहले विपक्ष के नेता को अनुमति दे चुके हैं, लिहाजा उन्हें पहले अपनी बात रखने की इजाजत दी जानी चाहिए.

अपने फैसले को सही ठहराते हुए कुरियन ने कहा कि विपक्ष के नेता को पहले बोलने की अनुमति देने की परंपरा रही है.पूर्व में कुरियन ने कहा था कि वह जेटली के बाद बसपा नेता सतीशचंद्र मिश्र को बोलने की अनुमति देंगे क्योंकि उन्हें किश्तवाड़ में हुई हिंसा में एक पार्टी के नेता के पुत्र के मारे जाने का मानवीय मुद्दा उठाना था.उपसभापति ने कहा कि इसके बाद चिदंबरम अपना बयान दे सकते हैं और फिर सदस्य स्पष्टीकरण मांग सकते हैं.

इस पर सत्ता पक्ष सहित कुछ दलों के सदस्यों ने विरोध जताते हुए कहा कि चिदंबरम से पहले उन्हें भी अपनी बात कहने की अनुमति दी जानी चाहिए. कुरियन ने कहा कि पहले जेटली अपना पक्ष रखें और फिर चिदंबरम बयान देंगे.

मिश्रा ने इस पर यह कह कर विरोध जताया कि आसन पहले यह व्यवस्था दे चुका है कि जेटली के बाद बसपा नेता को बोलने की अनुमति दी जाएगी.इस बहस के कारण करीब एक बजे तक कार्यवाही बाधित रही. आखिरकार आसन ने सदस्यों को चिदंबरम के बयान से पहले बोलने की अनुमति दे दी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें