नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ कांड के सिलसिले में केंद्रीय जांच ब्यूरो के समक्ष हर दूसरे शनिवार को हाजिर होने की शर्त में आज सुधार करते हुये भारतीय जनता पार्टी के महासचिव और गुजरात के विधायक अमित शाह को इससे छूट दे दी.
प्रधान न्यायाधीश पी सदाशिवम और न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘हम इस शर्त में संशोधन कर रहे हैं जबकि अन्य शर्ते यथावत रहेंगी.’’ न्यायालय ने जमानत की शर्तो में संशोधन पर गौर करते समय इस तथ्य पर विचार किया कि इस मामले में मुकदमे की सुनवाई मुंबई की अदालत में स्थानांतरित कर दी गयी है और शीर्ष अदालत के 27 सितंबर, 2012 के आदेश के बाद यह मामला सत्र अदालत को सौंपा गया है. न्यायालय ने इस तथ्य का भी संज्ञान लिया कि अमित शाह गुजरात विधान सभा के लिये निर्वाचित हो गये हैं और उन्हें भाजपा का महासचिव भी नियुक्त किया गया है.
अमित शाह की अर्जी के जवाब में सीबीआई ने सिर्फ इतना ही कहा कि उसे आशंका है कि एक प्रभावशाली व्यक्ति होने के कारण वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं या उन्हें धमका सकते हैं. शीर्ष अदालत ने इससे पहले अमित शाह की जमानत रद्द करने के लिये सीबीआई की याचिका खारिज कर दी थी. लेकिन न्यायालय इस मुकदमे की निष्पक्षता बनाये रखने के लिये इसे मुंबई की अदालत में स्थानांतरित करने हेतु तैयार हो गया था.