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नरेंद्र मोदी के अरुणाचल दौरे पर चीन की आपत्तियों का प्रदेश के नेताओं ने दिया करारा जवाब

ईटानगर : अरुणाचल प्रदेश के राजनीतिक दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 20 फरवरी को हुई अरुणाचल प्रदेश की यात्र पर चीन की आपत्ति के विपरीत रुख अपनाया है. प्रधानमंत्री की यह यात्र 29वें राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में थी. चीन ने इस सीमावर्ती राज्य में प्रधानमंत्री की यात्र का विरोध किया था, जिसे […]

ईटानगर : अरुणाचल प्रदेश के राजनीतिक दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 20 फरवरी को हुई अरुणाचल प्रदेश की यात्र पर चीन की आपत्ति के विपरीत रुख अपनाया है. प्रधानमंत्री की यह यात्र 29वें राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में थी. चीन ने इस सीमावर्ती राज्य में प्रधानमंत्री की यात्र का विरोध किया था, जिसे वह ‘विवादग्रस्त क्षेत्र’ मानता है. अरुणाचल प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष पादी रिको ने आज कहा कि बीजिंग यह भूल गया है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का एक अभिन्न हिस्सा है.
रिको ने कहा, ‘‘जब भी राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री हमारे राज्य की यात्र करते हैं, तब चीन द्वारा विरोध जताना एक चलन सा बन गया है.’’ भाजपा की प्रदेश इकाई ने प्रधानमंत्री की यात्र पर आपत्ति जताने पर बीजिंग पर यह कहते हुए भी निशाना साधा कि किसी भी परिस्थिति में कोई पड़ोसी देश किसी केंद्रीय नेता द्वारा राज्य की यात्र किए जाने पर विरोध नहीं जता सकता.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष तई तगक ने कहा, ‘‘हम बहुत खुश हैं और हमें भारतीय होने का गर्व है. हमारी स्थिति को लेकर कोई संशय नहीं है.’’ तगक ने इस मुद्दे पर अपनी पार्टी के रुख को दोहराते हुए कहा, ‘‘मुद्दे को उठाने के लिए राज्य का एक प्रतिनिधिमंडल जल्दी ही दिल्ली की यात्र करेगा.’’ तगक ने कहा, ‘‘चीन को अपनी विस्तारवादी नीति को छोड़ देना चाहिए, क्योंकि आज का विश्व इसे स्वीकार नहीं करता.’’ इसी बीच, अरुणाचल सिविल सोसाइटी ने भी मोदी की राज्य यात्र पर चीन की आपत्ति की आलोचना की.
एसीएस अध्यक्ष पाते तायुम ने एक बयान में कहा, ‘‘चीन को भारत के आंतरिक मामलों में आपत्ति जताने का या अरुणाचल प्रदेश को विवादित क्षेत्र बताने का कोई अधिकार नहीं है. यह राज्य अनादि काल से भारत का अभिन्न हिस्सा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘चीन का यह बर्ताव कोई नया नहीं है क्योंकि वर्ष 2008 में जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने यात्र की थी, तब भी चीन ने ऐसी ही आपत्ति जताई थी और दक्षिणी तिब्बत के अलावा अरुणाचल प्रदेश को विवादित भूमि बताया था.’’ चीनी उप विदेश मंत्री लियु ङोनमिन ने मोदी के इस राज्य की यात्र पर आने पर अपना विरोध दर्ज करवाने के लिए शनिवार को चीन में भारत के राजदूत अशोक के कांठा को तलब किया था. अपनी यात्र के दौरान मोदी ने दो ट्रेनों को हरी झंडी दिखायी. इनमें एक नाहरलागुन से नयी दिल्ली जाने वाली एक एसी एक्सप्रेस ट्रेन और नाहरलागुन एवं गुवाहाटी के बीच एक इंटरसिटी एक्सप्रेस शामिल शामिल हैं. इसके साथ ही उन्होंने ईटानगर जल आपूर्ति परियोजना का उद्घाटन किया और 132 किलोवॉट विद्युत संचरण परियोजना की नींव रखी.

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