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मुझसे हैदराबाद हमसे मत छीनो: चंद्रशेखर राव

हैदराबादः तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव ने कहा है कि वह किसी भी हालत में हैदराबाद को केंद्र के अधीन नहीं जाने देंगे. हैदराबाद को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘मेरा सिर काट लिया जाए, तब भी मुझे यह स्वीकार नहीं होगा.’ टीआरएस प्रमुख ने कहा […]

हैदराबादः तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव ने कहा है कि वह किसी भी हालत में हैदराबाद को केंद्र के अधीन नहीं जाने देंगे. हैदराबाद को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘मेरा सिर काट लिया जाए, तब भी मुझे यह स्वीकार नहीं होगा.’

टीआरएस प्रमुख ने कहा कि वह दस जिलों वाले तेलंगाना और हैदराबाद राजधानी से कम कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे और इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं होगा. साथ ही उन्होंने ऐलान किया कि तेलंगाना का पहला मुख्यमंत्री दलित होगा. पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने साफ किया कि वह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नहीं होंगे. हालांकि उन्होंने सलाहकार समिति के अध्यक्ष के रूप में सेवा देने के संकेत दिए, जो सरकार को सलाह देने का काम करेगी.

उन्होंने बताया कि तेलंगाना की 3.22 करोड़ आबादी में से 85 फीसदी पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जातियों, जनजातियों व अल्पसंख्यकों की है.

हालांकि राव को फिलहाल संयुक्त राजधानी के फॉर्मूले से एतराज नहीं है. उन्होंने कहा, ‘हैदराबाद को दस साल के लिए साझा राजधानी बनाने के लिए हम तैयार हैं. क्योंकि नए राज्य को नई राजधानी बनाने के लिए समय चाहिए.’

तेलंगाना के गठन के बाद सीमांध्र कर्मचारियों के वापस लौटने संबंधी अपने विवादास्पद बयान पर सफाई देते हुए चंद्रशेखर राव ने कहा, ‘मैंने कभी नहीं कहा कि आंध्र के कर्मचारी वापस चले जाएं. मैंने बस इतना कहा कि बंटवारे के बाद आंध्र के सरकारी कर्मचारियों को आंध्र के लिए ही काम करना होगा. राज्य के बंटवारे के बाद सरकारी कर्मचारियों के काम-काज के कुछ नियम होते हैं. वे यहां भी लागू होंगे.’

राव ने कहा कि उनकी पार्टी तेलंगाना के पुनर्निर्माण में अहम भूमिका निभाएगी. यह भूमिका प्रत्यक्ष होगी या अप्रत्यक्ष, इस बारे में राव ने कहा, ‘यह समय ही बताएगा.’

राव ने कांग्रेस के साथ अपनी पार्टी के संभावित गठबंधन पर किसी भी सवाल का जवाब देने से इंकार किया. उन्होंने कहा कि संसद में तेलंगाना विधेयक पारित होने के बाद ही उनकी पार्टी अपनी राजनीतिक रणनीति का खुलासा करेगी.

राव ने तेलंगाना में अल्पसंख्यकों को नौकरियों और शिक्षा में 12 फीसदी आरक्षण देने का वादा भी किया. साथ ही उन्होंने उर्दू के विकास के लिए उपाय करने का भी भरोसा जताया.

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