कोलकाता : पूर्व आईपीएस अधिकारी किरन बेदी ने कहा है कि भारत जेल सुधार के विषय में दुनिया से आगे है लेकिन यहां की जेलें पश्चिमी देशों की जेलों जितनी सुरक्षित नहीं हैं.किरन ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘भारत जेल सुधारों में आगे हैं. मैं पुष्ट बयान दे रही हूं क्योंकि मैंने दुनियाभर में 40 से अधिक जेलों का दौरा किया है. हमने जितना सुधार किया है उतना कहीं और नहीं हुआ है.’’ जेल सुधार पर आधारित एक आगामी हिन्दी फिल्म ‘कलापुर’ के प्रचार के लिए यहां आईं किरन ने कहा कि पश्चिमी देशों की जेलें बहुत सुरक्षित हैं क्योंकि वे कड़ाई से नियमों का पालन करते हैं.
देश की पहली महिला आईपीसी अधिकारी किरन ने कहा, ‘‘इसलिए वहां जेल से फरार होना असंभव है. लेकिन भारत में ऐसा नहीं है. वे (पश्चिमी देश) सजा देने में विश्वास रखते हैं जबकि हम सुधारने में विश्वास रखते हैं.’’ किरन बेदी को तिहाड़ जेल को मानवीय तरीके से संभालने के लिए प्रतिष्ठित मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.
उन्होंने भारत की जेलों की तुलना अन्य देशों की जेलों से करते हुए कहा कि यहां हमने जेल शब्द को सुधार गृह में बदल दिया है. किरन ने कहा कि जेल सुधार पीपीपी माडल पर काम करते हैं जहां जेल अधिकारी, नेता और समाज के सदस्य एक साथ आते हैं. किरन ने कहा, ‘‘मैंने देखा है कि एनजीओ हमेशा मदद के लिए आने के लिए तैयार रहते हैं. जेल अधिकारियों को नेताओं के साथ उनका स्वागत करना चाहिए.’’