नयी दिल्ली : पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण नेहरु की पार्थिव देह आज पंचतत्व में विलीन हो गयी और गांधी परिवार के सदस्यों समेत उनके अनेक रिश्तेदारों तथा कई नेताओं की मौजूदगी में उनका अंतिम संस्कार किया गया. राजीव गांधी सरकार में आंतरिक सुरक्षा मामलों के राज्यमंत्री रहे और गांधी परिवार से रिश्ता रखने वाले नेहरु का कल रात गुड़गांव के एक अस्पताल में निधन हो गया था.
प्रियंका गांधी के पुत्र रेहान ने नेहरु की चिता को मुखाग्नि दी. लोधी रोड शवदाह गृह में अंतिम संस्कार के दौरान सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, राबर्ट वाड्रा और केंद्रीय मंत्री फारख अब्दुल्ला समेत बहुत से लोग मौजूद थे. इस दौरान दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, भाजपा नेता अरुण जेटली, केंद्रीय मंत्री सचिन पायलट और आनंद शर्मा भी मौजूद थे. नेहरु के परिवार में उनकी पत्नी सुभद्रा और दो बेटियां हैं.
लखनउ से ताल्लुक रखने वाले नेहरु तीन बार लोकसभा के सदस्य रहे. वह 1980 के दशक की शुरुआत में राजनीति में आये थे और इससे पहले कारोबार जगत में सफलतापूर्वक काम कर चुके थे. साल 1984 में जब राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री का पद संभाला तो नेहरु उनके सलाहकार रहे और उन्होंने आंतरिक सुरक्षा राज्यमंत्री की भी जिम्मेदारी संभाली. हालांकि बाद में वह राजीव से अलग हो गये.
सीबीआई ने उन पर बतौर राज्यमंत्री उनके कार्यकाल के दौरान 1988 में चेकोस्लोवाकिया के साथ एक तोप सौदे में सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया था. उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में मामले में कार्यवाही पर रोक लगा दी थी.