नयी दिल्ली : गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को वीजा नहीं देने संबंधी अमेरिका के राष्ट्रपति को कुछ सांसदों की ओर से लिखे पत्र में जाली हस्ताक्षर का विवाद उठने पर भाजपा के एक विधि निर्माता ने लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार से इस जालसाजी की जांच कराने की मांग की.
कथित तौर पर संसद के 65 सदस्यों की ओर से अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा को पत्र लिखा गया था कि वह मोदी को वीजा नहीं देने की अपने देश की नीति को जारी रखें. इस पत्र पर माकपा के सीताराम येचुरी, द्रमुक के के पी रामलिंगम और कम्युनिस्ट पार्टी के एमपी अच्युतन के हस्ताक्षर थे, लेकिन इन तीनों ने ऐसे किसी पत्र पर हस्ताक्षर करने से इनकार किया है.
झारखंड के लोहरदगा से लोकसभा सदस्य सुदर्शन भगत ने आज मीरा कुमार को लिखे पत्र में कहा है कि कुछ सदस्यों ने ओबामा को लिखे पत्र में हस्ताक्षर करने से इनकार किया है, इसलिए पूरे मामले की जांच करायी जाये.
भगत ने कहा, यह गंभीर मामला है और जालसाजी के समान है. मैंने लोकसभा अध्यक्ष से मांग की है कि वह मामले की निष्पक्ष जांच के आदेश दें और इस धोखाधड़ी के लिए जो जिम्मेदार हैं, उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाये.
उधर भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने कहा कि कुछ सांसदों का ओबामा को पत्र लिखने की बात से इनकार करना साफ दर्शाता है कि यह कांग्रेस के कुत्सित चाल विभागका षडयंत्र है.
येचुरी ने कहा है कि ओबामा को भेजे गए पत्र पर उनके हस्ताक्षर कट एंड पेस्ट का मामला लगता है.
भाजपा की अन्य प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने ट्वीटर पर कहा, मोदी से राजनीतिक रुप से नहीं निपट पाने पर अब क्या इसके लिए बाहरी मदद ली जा रही है? …भारतीय राजनीतिक लड़ाई के लिए अमेरिका से थर्ड अंपायर?