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जी20 बैठक में भाग लेने मास्को जायेंगे चिदंबरम

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री पी. चिदंबरम जी20 देशों की मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेने कल सुबह मास्को के लिये रवाना होंगे. विकासशील और विकसित देशों के जी20 की दो दिवसीय बैठक में मौजूदा वैश्विक आर्थिक स्थिति और अंतर्राष्टरीय मुद्रा कोष (आईएमएफ)में कोटा सुधारों को लेकर विचार विमर्श होने की उम्मीद है.जी20 देशों के वित्त […]

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री पी. चिदंबरम जी20 देशों की मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेने कल सुबह मास्को के लिये रवाना होंगे. विकासशील और विकसित देशों के जी20 की दो दिवसीय बैठक में मौजूदा वैश्विक आर्थिक स्थिति और अंतर्राष्टरीय मुद्रा कोष (आईएमएफ)में कोटा सुधारों को लेकर विचार विमर्श होने की उम्मीद है.जी20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नर की 19 जुलाई से शुरु होने जा रही इस बैठक में रिजर्व बैंक गवर्नर डी. सुब्बाराव और डिप्टी गवर्नर उजिर्त पटेल भी भाग लेंगे. ब्रिक्स समूह देशों के वित्त मंत्रियों की इस दौरान अलग से बैठक भी होगी. इस बैठक में डरबन में इस साल मार्च में हुई बैठक के बाद के घटनाक्रम पर विचार किये जाने की उम्मीद है. एक अधिकारी ने बताया कि जी20 बैठक में आईएमएफ में कोटा सुधार और वैश्विक आर्थिक स्थिति पर चर्चा होगी.

ब्राजील, रुस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका :ब्रिक्स: देशों के बीच मार्च में एक विकास बैंक स्थापित करने पर सहमति बनी थी. ब्रिक्स देशों में ढांचागत और विकास परियोजनाओं के लिये दीर्घकालिक पूंजी उपलब्ध कराने के वास्ते इस बैंक की स्थापना का प्रस्ताव किया गया. जी20 में अमेरिका, कनाडा, ब्राजील, सउदी अरब, ब्रिटेन, रुस, जापान, आस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया के अलावा ब्रिक्स देश भी शामिल हैं. यह दुनिया के प्रमुख विकसित और विकासशील देशों का समूह है. वैश्विक मंदी से उत्पन्न चुनौती का सामना करने में समूह की अहम भूमिका रही है.जी20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों की इस बैठक के बाद सितंबर में सैंट पीटसबर्ग में जी20 शिखर सम्मेलन होगा.

सूत्रों के अनुसार जी20 देशों के श्रम मंत्रियों की भी अलग से बैठक होगी जिसमें इन देशों में बेरोजगारी और राजगार सृजन के मुद्दे पर विचार किया जायेगा. विकसित देशों में यह प्रमुख समस्या बनकर उभरी है. बैठक में वैश्विक अर्थव्यवस्था में लगातार गहराती मंदी से उत्पन्न चिंताओं पर भी चर्चा होगी. आईएमएफ ने हाल ही में 2013 के लिये वैश्विक वृद्धि का अनुमान 3.3 प्रतिशत से कम करके 3.1 प्रतिशत कर दिया. वर्ष 2014 के लिये वृद्धि अनुमान 4 से घटाकर 3.8 प्रतिशत कर दिया गया है.आइएमएफ ने विकासशील देशों में 2013 का आर्थिक वृद्धि अनुमान घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया. ब्रिक्स देशों के लिये भी अनुमान कम किया गया है. वर्ष 2012-13 में भारत की आर्थिक वृद्धि घटकर पिछले एक दशक के न्यूनतम स्तर 5 प्रतिशत पर रह गई. चालू वित्त वर्ष में इसके बढ़कर 6 प्रतिशत रहने का अनुमान है.

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