नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने अदालतों में निजी सचिवों के पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया में असफल रहे उम्मीदवारों के लिए नए सिरे से ‘‘कुशलता परीक्षण’’ कराने का अपना ही एक प्रशासनिक आदेश निरस्त कर दिया है.
इस साल जनवरी में उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा गठित एक समिति की ओर से किए एक फैसले को दरकिनार करते हुए न्यायमूर्ति प्रदीप नंदराजोग और न्यायमूर्ति वी के राव की खंडपीठ ने कहा, ‘‘पदों को भरने के लिए नए सिरे से चयन प्रक्रिया संचालित की जा सकती है.’’
पीठ ने कई अजिर्यों को अनुमति देते हुए कहा, ‘‘8 और 9 जनवरी 2013 को पारित आदेश निरस्त किए जाते हैं. कहने की जरुरत नहीं है कि प्रतिवादी (उच्च न्यायालय) को असफल उम्मीदवारों का कुशलता परीक्षण फिर से लिए जाने की इजाजत देने से रोका गया और चूंकि कुशलता परीक्षण फिर से लिया जा चुका है पर परिणाम घोषित नहीं किए गए हैं, तो प्रतिवादी को परिणाम घोषित करने से रोका जाता है.’’