गाजियाबाद : आरुषि हत्याकांड में बचाव पक्ष के दो गवाह आज सीबीआई की विशेष अदालत में अपने बयान दर्ज कराने के लिए नहीं आए जबकि आरोपी डाक्टर दंपति ने अदालत से एक अन्य गवाह का नाम गवाहों की सूची से हटाने का अनुरोध करते हुए दावा किया कि वह ‘सीबीआई के दबाव’ के कारण गवाही देना नहीं चाहता.
बेटी आरुषि और नौकर हेमराज हत्या मामले में आरोपी राजेश और नूपुर तलवार आज खराब स्वास्थ्य के आधार पर अदालत के सामने बचाव पक्ष के गवाहों मासूम झा और विकास सेठी को पेश नही कर सके.
दंपति ने अदालत से कहा कि इस मामले में महेंद्र शर्मा का नाम गवाहों की सूची से हटा दिया जाए. तलवार दंपति के अनुरोध पर अदालत गवाह का नाम हटाने के लिए राजी हुई और उनसे बचे दो गवाहों को 18 जुलाई को उसके सामने पेश करने के लिए कहा.
तलवार दंपति ने अपने प्रार्थना पत्र में कहा कि बढई का काम करने वाले महेंद्र शर्मा ने अपना पता बदल लिया है और वह ‘सीबीआई अधिकारियों के दबाव में’ अपना बयान दर्ज नहीं कराना चाहता इसलिए उसे बचाव पक्ष के गवाहोंे की सूची से हटा दिया जाए.
तलवार दंपति के वकील मनोज सिसौदिया ने कहा ने कहा, ‘‘हमने आज अदालत में तीन प्रार्थना पत्र दिये. पहले प्रार्थना पत्र में कहा गया कि विकास सेठी का स्वास्थ्य ठीक नही है इसलिए वह फिलहाल अदालत के सामने अपना बयान दर्ज कराने की स्थिति में नहीं है.’’ सिसौदिया ने कहा, ‘‘दूसरे प्रार्थना पत्र में हमने कहा कि मासूम झा का पति अस्पताल में है और तीसरे प्रार्थना पत्रमें हमने महेंद्र शर्मा का नाम बचाव पक्ष के गवाहों की सूची से हटाने की मांग की क्योंकि वह सीबीआई अधिकारियों के दबाव में गवाही नहीं देना चाहता है.’’
अब तक बचाव पक्ष के चार गवाह एम्स के फोरेंसिक विज्ञान के पूर्व एचओडी डाक्टर आरके शर्मा, डाक्टर उर्मिल शर्मा, दंत चिकित्सक डाक्टर अमूल्य चड्ढा और गुडगांव के सेक्टर 47 के रहने वाले राजिंदर कौल गाजियाबाद की विशेष सीबीआई अदालत के सामने बयान दर्ज करा चुके हैं. महेंद्र शर्मा को बचाव पक्ष के गवाह के तौर पर हटाने के बाद तलवार दंपति के पास अब इस मामले में छह गवाह बचे हैं.