नयी दिल्ली : पूर्व केंद्रीय मंत्री और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य सुल्तान अहमद ने पिछले नौ साल के संप्रग शासन में अल्पसंख्यकों के कल्याण और विकास की योजनाओं का प्रभावी कार्यान्वयन नहीं होने का आरोप लगाते हुए सरकार से देश में मुस्लिम समुदाय की दशा पर श्वेत पत्र लाने की मांग की है.
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सदस्य अहमद ने इस संदर्भ में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अल्पसंख्यक कार्य मंत्री के रहमान खान को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने कहा, मुस्लिम समुदाय मुख्य धारा से काफी पीछे रह गया है और यही स्थिति रही तो वह और पीछे चला जायेगा.
बीते नौ वर्ष में संप्रग सरकार ने मुसलमानों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए जो किया है, उसके बारे में कुछ पता नहीं है. अहमद ने कहा, इस संदर्भ में हमारी मांग है कि भारत सरकार देश में मुस्लिम समुदाय की स्थिति पर श्वेत पत्र लाये.
उन्होंने सच्चर कमेटी की सिफारिशों का उल्लेख करते हुए कहा, सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के मुसलमानों की आर्थिक-सामाजिक स्थिति राष्ट्रीय स्तर पर सबसे नीचे है. मुस्लिम समुदाय शिक्षा, सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों में हाशिए पर चला गया है. इस संदर्भ में जो भी कदम उठाए गए हैं, वो निराशाजनक हैं.