नयी दिल्ली/ लाहौर :लाहौर : पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार ने सरबजीत सिंह की मौत मामले में न्यायिक जांच का आदेश दिया है.
प्रांत के कार्यवाहक मुख्यमंत्री नजम सेठी ने न्यायिक जांच का आदेश दिया है. उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिया है कि जांच को 15 दिनों में पूरा किया जाए.
पंजाब सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया, मुख्यमंत्री नजम सेठी ने गृह विभाग को आदेश दिया है कि सरबजीत सिंह की हत्या के मामले की न्यायिक जांच के कार्यक्षेत्र को तैयार किया जाए. यह जांच 15 दिनों के भीतर पूरी होगी. सरकारी प्रसारण सेवा रेडियो पाकिस्तान ने खबर दी है कि हाईकोर्ट के एक न्यायाधीश यह जांच करेंगे.
प्रवक्ता ने कहा कि सेठी ने अधिकारियों को आदेश दिया कि पंजाब प्रांत की जेलों में बंद सभी विदेशी नागरिकों की सुरक्षा कड़ी की जाये.
पंजाब सरकार ने उमर फारुक बलूच के नेतृत्व में आठ सदस्यीय चिकित्सा बोर्ड का गठन किया है जो सरबजीत के शव का पोस्टमार्टम करेगा.
जिन्ना अस्पताल के एक चिकित्सक ने कहा कि पोस्टमार्टम में दो घंटे का समय लग सकता है. कल देर रात इसी अस्पताल में सरबजीत की मौत हो गयी.
पुलिस का कहना है कि सरबजीत पर हमला करने वाले दो कैदियों आमिर आफताब और मुदस्सर के खिलाफ आरोप लगाया गया है. सरबजीत को सुरक्षा मुहैया कराने में नाकाम रहे अधिकारियों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
सरबजीत को वर्ष 1990 में पंजाब प्रांत में हुए कई बम विस्फोटों में कथित रुप से उनकी संलिप्तता के लिए दोषी ठहराया गया था. इस हमले में 14 लोग मारे गए थे. सरबजीत ने पाकिस्तानी जेलों में तकरीबन 22 साल बिताए.
अदालतों तथा पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने उसकी दया याचिकाओं को ठुकरा दिया था.पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की अगुवाई वाली पिछली सरकार ने वर्ष 2008 में सरबजीत की फांसी पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगा दी थी.
सरबजीत के परिवार का कहना है कि वह गलत शिनाख्त का शिकार है और नशे की हालत में वह गलती से सीमा पार कर गया था.भारत सरकार ने सरबजीत सिंह की मौत मामले में जांच की मांग की थी.
सरबजीत सिंह की मौत को पाकिस्तानी जेल अधिकारियों की हिरासत में हुई एक भारतीय नागरिक की हत्या करार देते हुए भारत ने आज मांग की कि जिम्मेदार लोगों को न्याय के कठघरे में लाया जाना सुनिश्चित करने के लिए पाकिस्तान इस घटना की संपूर्ण जांच करे.
भारत ने यह भी कहा है कि सरबजीत पर घातक हमले से पता चलता है कि पाकिस्तान को अपनी जेलों में भारतीय कैदियों की सुरक्षा के लिए ठोस कार्रवाई करने की आवश्यकता है.
विदेश मंत्रालय ने आज यहां एक विज्ञप्ति में कहा, हम सरबजीत के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हैं जिनकी कोटलखपत जेल में हमले आई चोटों के कारण मौत हो गई. यह सीधे तौर पर पाकिस्तान के जेल अधिकारियों की हिरासत में हमारे नागरिक की हत्या है.
इसने कहा, हम मांग करते हैं कि जिम्मेदार लोगों की पहचान करने और उन्हें दंडित किया जाना सुनिश्चित करने के लिए पाकिस्तान संपूर्ण जांच करे. मंत्रालय ने यह भी कहा कि वह दुख की घड़ी में सरबजीत के परिवार के साथ है और उसने पाकिस्तानी अधिकारियों से सरबजीत का शव देने को कहा है, ताकि उनका अंतिम संस्कार भारत में और अपने लोगों के बीच किया जा सके.
सरबीज (49) की लाहौर के जिन्ना अस्पताल में बीती देर रात दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी. पाकिस्तान की कोटलखपत जेल में कैदियों के बर्बर हमले के कारण सरबजीत करीब एक हफ्ते से अचेत अवस्था में थे.
भारतीय कैदी सरबजीत पर शुक्रवार को कम से कम छह कैदियों ने हमला किया था जिससे उन्हें गंभीर जख्म आए थे. उनके सिर पर ईंटों से प्रहार किया गया था.
सरबजीत के परिवार से मिले शिंदे
नयी दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने आज सरबजीत सिंह के परिवार से मुलाकात की और भरोसा दिलाया है कि सरबजीत के शव को स्वदेश लाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है.
सरबजीत की बहन दलबीर कौर और परिवार के दूसरे सदस्यों से मुलाकात करने के बाद शिंदे ने संवाददाताओं से कहा, हम उनके (सरबजीत के) शव को जल्द से जल्द भारत लाने के लिए अपना भरसक प्रयास कर रहे हैं. विदेश मंत्रालय पाकिस्तान सरकार के संपर्क में है. उन्होंने कहा कि शव मिल जाने के बाद परिवार की भावनाओं के अनुसार अंतिम संस्कार किया जायेगा.
गृह मंत्री ने कहा, हम शव हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं. परंतु यह पाकिस्तान सरकार पर निर्भर करेगा. हमें इंतजार करना होगा. शिंदे ने कहा कि भारत 49 वर्षीय सरबजीत को बेहतर उपचार सुनिश्चित करने के लिए आखिरी समय तक पाकिस्तान से बात करता रहा, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी.
उन्होंने कहा कि मैंने पूरे देश की ओर से सरबजीत के बहन के प्रति संवेदना प्रकट की है. सरबजीत का कल देर रात लाहौर के जिन्ना अस्पताल में निधन हो गया. वह करीब एक सप्ताह पहले कोट लखपत जेल में हुए जघन्य हमले के बाद से जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे थे.शिंदे ने कहा, हम इस बात से दुखी हैं कि सरबजीत अब हमारे साथ नहीं रहे. यह बहुत दुखद घटना है.