23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

उत्तराखंड के लिए 50 लाख उपलब्ध कराएं सासंदः केंद्र

नयी दिल्ली: बाढ़ पीड़ित उत्तराखंड के लिए राहत और बचाव कार्य के तहत केंद्र ने आज सांसदों को अपनी सांसद क्षेत्रीय विकास निधि ( एमपीलैड ) से 50 50 लाख रुपये उपलब्ध कराने की अनुमति प्रदान कर दी. सांख्यिक और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रलय ने एक बयान में कहा है , ‘‘ संसद सदस्य बाढ़ , […]

नयी दिल्ली: बाढ़ पीड़ित उत्तराखंड के लिए राहत और बचाव कार्य के तहत केंद्र ने आज सांसदों को अपनी सांसद क्षेत्रीय विकास निधि ( एमपीलैड ) से 50 50 लाख रुपये उपलब्ध कराने की अनुमति प्रदान कर दी.

सांख्यिक और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रलय ने एक बयान में कहा है , ‘‘ संसद सदस्य बाढ़ , भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं से प्रभावित उत्तराखंड राज्य में राहत कार्यो में अधिकतम 50 लाख रुपये तक की राशि उपलब्ध करा सकते हैं.’’ इस समय लोकसभा में 539 और राज्यसभा में 243 सांसद हैं. दोनों सदनों के सदस्य उत्तराखंड के प्रभावित इलाकों के लिए कुल मिलाकर 361 करोड़ रुपये तक के राहत कार्यो की सिफारिश कर सकते हैं. सांसदों को लिखे एक पत्र में सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्री श्रीकांत जेना ने सदस्यों से एमपीलैड योजना के तहत प्रत्येक सदस्य को राज्य में बाढ़ राहत के लिए चल रहे विभिन्न कार्यो के लिए 50 50 लाख रुपये तक की राशि का इस्तेमाल किए जाने की अनुमति दी है.

बयान में कहा गया है , ‘‘ ताजा बाढ़ और भूस्खलन तथा बादल फटने की घटनाओं के चलते उत्तराखंड में भारी तबाही हुई है. इस तबाही के विशाल पैमाने और गहरे प्रभाव को देखते हुए गृह मंत्रलय ने सूचित किया है कि यह सभी व्यावहारिक कारणों से ‘‘भीषण प्राकृतिक आपदा’’ है. जेना ने एक बयान में कहा है, ‘‘ इसी के अनुसार, एमपीलैड के दिशा निर्देशों के पैरा 2 8 के अनुसार सांसद उत्तराखंड के प्रभावित इलाकों के लिए अधिकतम 50 लाख रुपये तक के कार्यो की सिफारिश कर सकते हैं.’’ मंत्री ने सभी सदस्यों से यह भी अपील की है कि वे इस प्रकार के कार्यो के लिए अपने योगदान के बारे में जल्द से जल्द सूचित कर दें.

बयान के अनुसार, ‘‘ सांसदों की ओर से एक तय प्रारुप में सहमति पत्र राज्यसभा या लोकसभा की एमपीलैड समिति को संबोधित किए जा सकते हैं ताकि प्राथमिकता के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा सके.’’ एमपीलैड योजना के तहत प्रत्येक सांसद के पास यह विकल्प होता है कि वह अपने निर्वाचन क्षेत्र में जिला कलेक्टर को प्रतिवर्ष पांच करोड़ रुपये तक के कार्यो का सुझाव दे सकते हैं. राज्यसभा के सदस्य अपने निर्वाचन वाले राज्य में एक या अधिक जिलों में इस प्रकार के कार्यो की सिफारिश कर सकते हैं. दोनों सदनों के नामित सदस्य देश में किसी भी एक प्रदेश में एक या अधिक जिलों में योजना के तहत अपनी पसंद के काम करा सकते हैं. बयान के अनुसार, जेना ने अपने एमपीलैड कोष से उत्तराखंड में पुनर्वास कार्यो के लिए दस लाख रुपये जारी करने पर सहमति दे दी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें