बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में चंद रोज पहले हुए सरकारी नसबंदी ऑपरेशन में 13 महिलाओं की दर्दनाक मौतों के कारण देश भर में मचे बवाल ने इस सरकारी कार्यक्रम के क्रियान्वयन और सरकारी अस्पतालों में सप्लाइ की जाने वाली दवाओं की गुणवत्ता पर प्रश्न-चिन्ह लगा दिया है. मामले की संजीदगी देखते हुए विदेश यात्रा […]
बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में चंद रोज पहले हुए सरकारी नसबंदी ऑपरेशन में 13 महिलाओं की दर्दनाक मौतों के कारण देश भर में मचे बवाल ने इस सरकारी कार्यक्रम के क्रियान्वयन और सरकारी अस्पतालों में सप्लाइ की जाने वाली दवाओं की गुणवत्ता पर प्रश्न-चिन्ह लगा दिया है. मामले की संजीदगी देखते हुए विदेश यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमण सिंह को इस पूरे मामले की गहरायी से जांच करने का निर्देश दिया था. जिसके बाद इस मामले के जांच के आदेश मुख्यमंत्री रमण सिंह ने दे दिये थे और अब इस पर काम भी शुरू हो चुका है. मामले की जांच के लिए गठित टीम ने आज अपना काम शुरू कर दिया है.
पहली नजर में तो एक तरफ ये मामला डॉक्टरी लापरवाही का मालूम हुआ लेकिन इसके साथ ही इस मामले में ये बात भी सामने आयी थी कि इस ऑपरेशन के बाद महिलाओं को जिस कंपनी की दवाइयां इन्फेक्शन से बचाव के लिए खाने को दी गयी थीं, उनमें कीटनाशक रसायन मिले होने की बात सामने आयी थी. ऐसे में इस पूरे हादसे की हकीकत, इस घटना के विभिन्न बिन्दुओं की गहराइ से जांच करने के बाद ही सामने आ सकेगी.
सूत्रों की मानें, तो बिलासपुर जिले के सकरी (पेंडारी), गौरेला, पेण्ड्रा और मरवाही में महिला नसबंदी शिविरों में 13 महिलाओं की मौत और कइ महिलाओं के बीमार होने की घटना की न्यायिक जांच के लिए गठित एकल सदस्यीय जांच आयोग की अध्यक्ष सेवानिवृत न्यायाधीश अनीता झा ने आज बिलासपुर में जांच-कार्य शुरु कर दिया.
झा ने आज यहां सर्किट हॉउस में संवाददाताओं को बताया कि इस महीने की आठ तारीख को बिलासपुर जिले के सकरी (पेंडारी) और दस तारीख को गौरेला, पेण्ड्रा तथा मरवाही में महिलाओं के लिए दूरबीन पद्घति से नसबंदी शिविर का अयोजन किया गया था.
शिविरों में ऑपरेशन के बाद कई महिलाओं का स्वास्थ्य खराब हो गया तथा 13 महिलाओं की मृत्यु हो गयी और कइ महिलाओं को गंभीर स्थिति में बिलासपुर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.उन्होंने बताया कि वह जांच आयोग गठन की अधिसूचना के अनुरुप सात बिन्दुओं पर जांच करेंगी, जिसमें शिविर आयोजित करने में मानक प्रक्रियाओं का पालन, घटना की परिस्थितियां, शिविरों में मानक दवाइयों का उपयोग, घटना के लिए जिम्मेदार लोग, भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए उपाय, राज्य में परिवार कल्याण कार्यक्रमों में लैंगिक समानता के लिए सुझाव और जांच के दौरान लोक महत्व के अन्य बिन्दु, जिनकी जांच करना आवश्यक हो जैसे विषय शामिल है.