नयी दिल्ली: उत्तराखंड बाढ़ को लेकर राजनीति शुरु होती दिख रही है और नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे द्वारा दिये गए सुझाव को नजरंदाज कर दिया कि मुख्यमंत्रियों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे राहत अभियान प्रभावित होता है.
गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी शनिवार को बाढ़ से तबाह क्षेत्र गए ताकि वह बाढ़ से हुई क्षति का हवाई सर्वेक्षण कर सकें. समझा जाता है कि मोदी की प्रस्तावित यात्रा को ध्यान में रखते हुए शिंदे ने कहा था कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को छोड़कर अन्य मुख्यमंत्रियों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाने से बचना चाहिए क्योंकि इससे प्रशासन का ध्यान बंटेगा और इससे राहत कार्य प्रभावित होगा.
हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी राज्य के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया था और बाद में देहरादून में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से मुलाकात की थी.
मोदी ने हवाई सर्वेक्षण करने के बाद कहा, ‘‘मैं इस क्षेत्र से लंबे समय से परिचित हूं क्योंकि मैंने यहां लंबे समय तक कार्य किया था. इसके चलते मैं हवाई सर्वेक्षण से जानमाल के नुकसान, तीर्थयात्रियों की पीड़ा को काफी कुछ समझ सका.’’ उन्होंने बाद में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बहुगुणा से मुलाकात की और केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण में गुजरात की मदद की पेशकश की.
शिंदे ने महसूस किया कि आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की भाजपा की मांग को राजनीति से प्रेरित है.