नयी दिल्ली: केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने जनसंचार माध्यमों में महिलाओं के अश्लील चित्रण और महिला भ्रूण हत्या एवं दहेज जैसे अपराधों के खिलाफ लोगों को संवदेनशील बनाने से जुड़े एक मीडिया अभियान की रुपरेखा को अंतिम रुप देने के लिए एक समिति का गठन किया है.
इस समिति की अध्यक्षता मंत्रलय की अपर सचिव, के रत्नाप्रभा करेंगी. महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों के खतरों से निपटने के विषय पर 23 जनवरी को सचिवों की समिति :सीओएस: की एक बैठक हुई जिसमें फैसला लिया गया कि फिल्मों, टीवी कार्यक्रमों एवं विज्ञापनों में महिलाओं के नकारात्मक, अश्लील एवं घिसे-पिटे चित्रण के खिलाफ महिला सशक्तिकरण के सकारात्मक पहलुओं को दर्शाने के लिए एक मीडिया अभियान शुरु किया जाएगा. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रलय के सहयोग से जनसंचार माध्यमों के लिए बनाए जा रहे इस अभियान की रुपरेखा तैयार करने के लिए इस समिति के गठन का फैसला किया.
समिति के विचारार्थ कार्यों में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए कैंपेन की रुपरेखा को अंतिम रुप देना शामिल है जिससे जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं के लिए सम्मान की भावना पैदा की जा सके.
समिति साथ ही इस प्रचार अभियान के माध्यम से महिलाओं द्वारा अजिर्त की गयी सफलताओं का उदाहरण पेश कर परिवारों को बच्चियों को लेकर संवेदनशील करेगा एवं लोगों को कन्या भ्रूण हत्या, दहेज और इस तरह की दूसरी सामाजिक बुराइयों के प्रति जागरुक बनाएगा.