लखनऊ:यूपी को बाढ़ प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार से एक हजार करोड़ रुपये का पैकेज चाहिए. सूबे के सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने केंद्रीय जल मंत्रालय से उक्त राशि उपलब्ध कराने का आग्रह किया है. उनकी इस मांग को केंद्रीय जल संसाधन मंत्री हरीश रावत ने पूरा करने के असमर्थता जताई है. रावत का कहना है कि उनके मंत्रालय अपनी वित्तीय सीमाओं की वजह से चाहकर भी यूपी सरकार की उक्त मांग को पूरा नहीं कर सकता, जिसके चलते वह यूपी सरकार की उक्त मांग को प्रधानमंत्री कार्यालय भेजे देंगे.
सूबे के सिंचाई मंत्री शिवपाल यादव के अनुसार नेपाल से आने वाली नदियों की वजह से प्रदेश के तमाम जिले हर वर्ष बाढ़ की चपेट में आते हैं. इसके अलावा यूपी में बहने वाली मुख्य नदियों गंगा, यमुना, घाघरा, शारदा, गंडक, राप्ती आदि का जलस्तर बढ़ने से 36 जिलों में नुकसान होता हैं. इस क्षति को रोकने के लिए सूबे के 22.14 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को बाढ़ से सुरक्षित किया जा सका है. जबकि लगभग 36.58 लाख हेक्टेयर क्षेत्र अभी सुरक्षित किया जाना बाकी है. इस क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए 5 हजार किमी तटबंध बनाना प्रदेश सरकार की पहली प्राथमिकता है. इसे बनाने में 15 हजार करोड़ रुपये की निर्माण लागत आने का अनुमान है. इसके लिए 12वीं पंचवर्षीय योजना के प्लान में लगभग छह हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है. 11वीं पंचवर्षीय योजना में भी बाढ़ से होने वाले नुकसान पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र से धनराशि मांगी गई थी, केंद्र ने वायदे के अनुसार अभी तक राज्य को पूरी धनराशि नहीं दी है.
सिंचाई मंत्री के अनुसार सूबे की सरकार बाढ़ प्रबंधन के लिए केंद्र से मिलने वाले धन के भरोसे नहीं है, बल्कि अपने स्तर से बाढ़ नियंत्रण के प्रबंध कर रही है. जिसके तहत प्रमुख सचिव ने विभागीय स्तर पर अधिकारियों को बाढ़ से निपटने और उसपर अंकुश लगाने का प्रबंध करने संबंधी निर्देश दिए हैं. बाढ़ से प्रभावित होने वाले जिलों में बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जाने लगे हैं. शिवपाल ने बताया कि उत्तराखण्ड व नेपाल के पर्वतीय क्षेत्रों में निरन्तर वर्षा होने के फलस्वरूप इन क्षेत्रों से आने वाली नदियों में जलस्तर बढ़ने के मद्देनजर यूपी के कई जिलों में बाढ़ की दृष्टि से सरकार के स्तर से मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को संवेदनशील जिलों में त्वरित गति से बाढ़ नियंत्रण व राहत एवं बचाव किए जाने के निर्देश दिए हैं. मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने बाढ़ बचाव के मद्देनजर कमिश्नर और डीएम की जवाबदेही भी तय कर दी है.
!!राजेन्द्र कुमार!!