अहमदाबाद : भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) विश्व के विलुप्तप्राय पक्षियों में शामिल द ग्रेट इंडियन बस्टर्ड पर उपग्रह की मदद से नजर रखेगा ताकि इस दुर्लभ पक्षी की गतिविधियों और उसके पसंदीदा वास का पता लगाया जा सके.
इस कदम को भारत और उससे सटे पाकिस्तान के कुछ क्षेत्रों में पाये जाने वाले इस विलुप्तप्राय प्रजाति को बचाने के लिए बड़े कदम के तौर पर देखा जा रहा है. यह पक्षी गुजरात और राजस्थान के अलावा महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में भी पाया जाता है लेकिन शिकार और इसके प्राकृतिक वास (घास के सूखे मैदानों) की कमी के कारण इसके अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है.
गुजरात में वन के प्रधान मुख्य वन्यजीव संरक्षक सी एन पांडे ने कहा, देहरादून में सरकारी संस्थान डब्ल्यूआईआई को ग्रेट इंडियन बस्टर्ड पर उपग्रह से नजर रखने की इजाजत दे दी गई है. उपग्रह के जरिए नजर रखने से इस लंबे पैरों और लंबी गर्दन वाले दुर्लभ पक्षी की गतिविधियों का पता लगाने में मदद मिलेगी. यह पक्षी अब गुजरात के कच्छ इलाके और राजस्थान के हिस्सों में पाया जाता है. ग्रेट इंडियन बस्टर्ड विश्व में आज पाये जाने वाले पक्षियों में सबसे लंबा उड़ने वाला जीव है.