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सॉलिसिटर जनरल ने अटार्नी जनरल को लिखा पत्र

* ‘बलि का बकरा’ बनाये जाने की बात कही नई दिल्ली : इस बात को लेकर विवाद चल ही रहा था कि सरकार ने कोयला घोटाले की सीबीआई जांच को प्रभावित करने की कोशिश की थी या नहीं, कि इसी बीच समझा जाता है कि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल हरीन रावल ने दावा किया है कि […]

* ‘बलि का बकरा’ बनाये जाने की बात कही
नई दिल्ली : इस बात को लेकर विवाद चल ही रहा था कि सरकार ने कोयला घोटाले की सीबीआई जांच को प्रभावित करने की कोशिश की थी या नहीं, कि इसी बीच समझा जाता है कि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल हरीन रावल ने दावा किया है कि इस पूरे मामले में उन्हें ‘बलि का बकरा’ बनाया गया है.

सूत्रों ने आज रात बताया कि रावल ने अटार्नी जनरल जी ई वाहनवती को लिखे पत्र में यह दावा किया है. बताया जाता है कि इस पत्र में रावल ने वाहनवती पर सीबीआई की जांच रिपोर्ट में हस्तक्षेप की कोशिश करने का आरोप लगाया है.

रावल ने यह आरोप ऐसे समय में लगाया है जब कल उच्चतम न्यायालय की अहम सुनवाई होनी है. उच्चतम न्यायालय सीबीआई के निदेशक रंजीत सिन्हा के हलफनामे तथा कोयला ब्लॉक आवंटन जांच पर एजेंसी की स्थिति रिपोर्ट पर गौर करेगा. यह रिपोर्ट कानून मंत्री अश्वनी कुमार तथा प्रधानमंत्री कार्यालय एवं कोयला मंत्रालय में संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों के साथ साझा की गयी थी.

सीबीआई की ओर से उच्चतम न्यायालय में पेश होते हुए रावल ने जो बात कही थी, सिन्हा के हलफनामे में उसके बिल्कुल विपरीत बात है. रावल ने दावा किया कि सीबीआई द्वारा अपनाये जाने वाले रुख में वाहनवती शामिल हैं और उन्हें ‘बलि का बकरा’ बनाया जा रहा है.

रावल ने कहा था कि कोयला आवंटन में कथित अनियमितता पर सीबीआई की स्थिति रिपोर्ट न्यायाधीशों को सीलबंद लिफाफे में दी गयी और और उसे सरकार में किसी से साझा नहीं किया गया. शीर्ष अदालत में रावल के ऐसा कहने के बाद से सीबीआई निजी वकील यू ललित की सेवा ले रही है.

असहज स्थिति में डाल देने वाली स्वीकारोक्ति के तहत सीबीआई निदेशक ने पिछले सप्ताह उच्चतम न्यायालय में दायर दो पृष्ठ के अपने हलफनामे में कहा था कि कोयला आवंटन घोटाले पर उसकी मसौदा स्थिति रिपोर्ट कानून मंत्री तथा प्रधानमंत्री कार्यालय एवं कोयला मंत्रालय में संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों के साथ साझा की गयी.

उससे पहले उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई प्रमुख से लिखित में यह बताने को कहा था कि उक्त दस्तावेज राजनीतिक कार्यपालिका में किसी को दिखाया नहीं गया था. इसी बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार के वरिष्ठ कानून अधिकारियों की संलिप्तता वाले घटनाक्रम से उन्हें बेहद निराशा हुई है. उन्होंने सरकार पर शीर्ष अदालत के समक्ष तथ्यों को जानबूझकर गलत ढंग से पेश करने के लिए साठगांठ करने का आरोप लगाया.

भाकपा नेता डी राजा ने कहा कि कोयला घोटाला जांच दिन प्रतिदिन गंदा स्वरुप लेती जा रही है. उन्होंने कहा, ‘‘कोई जवाबदेही नहीं है, कोई पारदर्शिता नहीं है.’’

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