नयी दिल्ली : देश के पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र की आर्थिक स्थिरता को बनाये रखने में ब्रह्मपुत्र नदी के महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए संसद की एक स्थायी समिति ने इस नदी क्षेत्र में सरकार से चीन की गतिविधियों पर अपनी निगरानी बढ़ाने की पुरजोर सिफारिश की है.
दीप गोगोई की अध्यक्षता वाली जल संसाधन संबंधी स्थायी समिति ने आज लोकसभा में पेश अपनी 17वीं रिपोर्ट में कहा है कि चीन प्रशासन ने तिब्बत स्वायत्तशासी क्षेत्र के लिए ब्रह्मपुत्र नदी की मुख्यधारा में तीन और जल विद्युत परियोजनाएं अनुमोदित की हैं. समिति ने चिंता जतायी थी कि इस प्रस्तावित बांध से ब्रह्मपुत्र नदी के जल बहाव पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है.
लेकिन सरकार ने समिति की इन चिंताओं को गलत बताया. सरकार ने यह भी बताया कि उस क्षेत्र में हो रही सभी गतिविधियों , जिनसे भारत का हित प्रभावित हो सकता है , पर नजर रख रही है और उनकी सुरक्षा के उपाय कर रही है. साथ ही सरकार ब्रह्मपुत्र नदी के बहाव की मात्रा पर इस समय सेटेलाइट के चित्रों से निगरानी कर रही है.
समिति ने इसी पृष्ठभूमि में कहा है कि ब्रह्मपुत्र नदी की जल मात्रा को सुनिश्चित करना पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र की आर्थिक स्थिरता बहाल करने के लिए अत्याधिक जरुरी है. समिति ने उम्मीद जतायी है कि सरकार इस संबंध में हरसंभव प्रयास करेगी. समिति ने इसी संदर्भ में ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन की प्रस्तावित गतिविधियों पर अपनी निगरानी में तेजी लाने को कहा है.