नयी दिल्ली: भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने आज लोकसभा चुनावों में पार्टी की शानदार जीत का श्रेय विपक्ष को दिया. उन्होंने कहा कि बीते दस वर्ष में पिछली सरकारों के भारी भ्रष्टाचार और गलतियों ने उनकी पार्टी की भारी जीत में योगदान दिया.वर्ष 2014 के आम चुनावों को ‘‘अभूतपूर्व’’ बताते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं ने चुनावी जंग में कडी मेहनत की.
आडवाणी ने यहां अपने आवास पर तिरंगा झंडा फहराने के बाद कहा, ‘‘मैंने 1952 से अब तक के सभी चुनाव देखे हैं. जब 2014 के चुनाव खत्म हुए, मैंने महसूस किया कि मेरे अपने लिए और पार्टी के लिए यह चुनाव अभूतपूर्व थे. मैं आह्लादित था क्योंकि ऐसे परिणाम इससे पहले कभी नहीं आए. हमारे पार्टी कार्यकर्ताओं ने इन चुनावों में कडी मेहनत की.’’हालांकि उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैं इस बात से इंकार नहीं करुंगा कि इस जीत में ज्यादातर योगदान विपक्ष का था जो मेरे खिलाफ लड रहे थे. अगर उन्होंने इतनी बडी बडी गलतियां नहीं की होतीं और अगर लोग बीते 10 वर्ष में इतने अधिक भ्रष्टाचार का गवाह नहीं बने होते ,तो इस तरह के परिणाम संभवत: नहीं आए होते.’’ मई में आए लोकसभा चुनावों के परिणामों में भाजपा ने 282 सीटें जीती थीं और वह बीते लगभग दो दशकों से अधिक समय में पूर्ण बहुमत हासिल करने वाली पहली पार्टी बनी थी.
आडवाणी ने कहा, ‘‘नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बडे अभियान ने भी जीत में योगदान दिया. लेकिन सबसे बडा योगदान हमारे विपक्ष का था.’’ उन्होंने कहा, ‘‘शानदार जीत की वजह से हमसे उम्मीदें भी बढ गई हैं.’’ प्रधानमंत्री को उनके बिना लिखे भाषण के लिए धन्यवाद देते हुए आडवाणी ने कहा, ‘‘चुनावी परिणामों के बाद, यह 68वां स्वतंत्रता दिवस था. मैं प्रधानमंत्री को 68वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बिना लिखा भाषण देने के लिए धन्यवाद देता हूं. उन्होंने लालकिले की प्राचीर पर बिना लिखा भाषण दिया और इसका जनता में अच्छा संदेश गया.’’
इंटरनेट के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, ‘‘जनता पर इंटरनेट और सूचना प्रौद्योगिकी का काफी असर होता है. इसलिए जो सही दिशा में इंटरनेट और आईटी का उपयोग करेगा उससे राष्ट्र को लाभ पहुंचेगा.’’मोदी के साफ सफाई सुविधाओं के बारे में उचित अनुरोध के संदर्भ में आडवाणी ने कहा, ‘‘मैं कहा करता था कि मेरे क्षेत्र में जब विदेशी पर्यटक रेल पटरी के पास लोगों को सुबह खुले में शौच करते हुए देखते हैं तो यह उनके लिए अच्छा अनुभव नहीं होता है. मैंने जिला समिति से कहा था कि हमें कम से कम गांधीनगर में खुले में शौच को खत्म करने का प्रयास करना चाहिए. सभी घरों और स्कूलों में शौचालय होने चाहिए.’’ प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि सभी संसद सदस्यों को अपनी सांसद निधि का उपयोग अपने क्षेत्र के हर स्कूल में शौचालय बनाने के लिए करना चाहिए.