बैतूलः मध्यप्रदेश के बैतूल में आयोजित मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के दौरान कौमार्य और गर्भ परीक्षण का सनसनीखेज मामला सामने आया है. नौ दुल्हनों के गर्भवती पाये जाने के बाद उनकी शादी रोक दी गयी. उन्हें दिये गये दहेज के सभी सामान वापस ले लिये गये. इस मामले पर महिलाओं ने खासी नाराजगी जाहिर की है. उधर, जिला कलक्टर ने मामले की जांच के आदेश दे दिये हैं.
जानकारी के मुताबिक, यहां एक सरकारी स्कूल में सामूहिक विवाह होने थे. स्कूल से कुछ ही दूरी पर घरातियों व बारातियों के ठहरने का इंतजाम था. यहां सभी 450 दुल्हनें मौजूद थीं. दो महिला स्वास्थ्यकर्मी जयश्री बुधौलिया और दुर्गा मालवीय वहां पहुंचीं और कथित तौर पर गैरकानूनी तरीके से सभी दुल्हनों का गर्भ परीक्षण कर डाला. इसमें नौ दुल्हन गर्भवती पायी गयीं. सूचना मिलते ही मौके पर एसडीएम एके रिछारिया और तहसीलदार अलका इक्का पहुंच गयीं. उन्होंने तत्काल जांच रुकवा कर गर्भवती दुल्हनों से वो सारा सामान वापस ले लिया, जो उन्हें विवाह के बाद दिया जाना था.
कलेक्टर राजेश प्रसाद मिश्र का कहना है कि शासन से ऐसी जांच के संबंध में कोई दिशा-निर्देश नहीं है. बावजूद इसके जांच क्यों और किसके आदेश पर हुई, यह जांच का विषय है. कलेक्टर के मुताबिक, कौमार्य व गर्भ परीक्षण की जानकारी उन्हें ग्रामीणों से मिली. वहीं, चिचोली के बीएमओ डॉ एनके चौधरी का कहना है कि दो-तीन साल से ऐसी जांच करायी जा रही है. इस बार सूचना पंचायत विभाग के कर्मचारियों को दे दी गयी थी.
विवादों का विवाह
शहडोल में इसी योजना के तहत सामूहिक विवाह से पहले 151 युवतियों का कथित कौमार्य परीक्षण कराया गया था, जिसमें 14 लड़कियां गर्भवती मिली थीं. पिछले सामूहिक विवाह में चिचोली नगर पंचायत के विवाहित और बाल बच्चेदार कर्मचारियों सहित पार्षद के विवाह कराने का मामला सामने आया था.