पणजीः गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर ने आज नरेंद्र मोदी का खुलकर समर्थन करते हुए कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री को अगले लोकसभा चुनावों में भाजपा का ‘‘चेहरा’’ बनाया जाना चाहिए. इस तरह वह मतभेदों से जूझ रही पार्टी में मोदी का खुला समर्थन करने वाले पहले वरिष्ठ नेता बन गए हैं.
पार्रिकर ने ‘‘प्रशासनिक क्षमतओं’’ और ‘‘लोकप्रियता’’ के लिए मोदी की तारीफों के पुल बांधते हुए कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री को पार्टी के चेहरे के रुप में पेश करने से भाजपा की चुनावी संभावनाओं को जबर्दस्त मजबूती मिलेगी.
उन्होंने यहां प्रेट्र के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘‘ मोदी को लोकसभा चुनावों से कम से कम छह महीने पहले यानी कि अगले साल मई के आसपास भाजपा के चेहरे के तौर पर पेश किया जाना चाहिए, ताकि देश के उन लोगों के सामने सब कुछ ‘‘स्पष्ट’’ हो सके जो अस्पष्टता पसंद नहीं करते.’’ मोदी के लिए पार्रिकर का खुला समर्थन भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक से इतर आया है. समझा जाता है कि बैठक में अगले साल लोकसभा चुनाव और इस साल के अंत में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर पार्टी के रोडमैप पर चर्चा किए जाने की उम्मीद है.
पार्रिकर ने कहा, ‘‘जनमत के आधार पर निश्चित तौर पर मोदी को पार्टी का चेहरा होना चाहिए. मैं यह नहीं कह रहा कि उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जाना चाहिए. लेकिन उन्हें पार्टी का चेहरा होना चाहिए. यह मैं लोगों से मिल रहे फीडबैक के आधार पर कह रहा हूं..मैं जानता हूं कि क्या गलत और क्या सही है.’’ गोवा के मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें मोदी के ‘‘पक्ष में जनमत’’ के बारे में ‘‘स्पष्ट संकेत’’ मिल रहा है क्योंकि वह आम लोगों के लगातार संपर्क में रहते हैं.
पार्रिकर ने कहा, ‘‘मैं आम लोगों से कुछ संवाद रखता हूं और मुझे उस बारे में (मोदी को नेता के रुप में पेश किए जाने) स्पष्ट संकेत मिले हैं.’’ उन्होंने कहा कि इस संबंध में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को फैसला करना है और वह उसका सम्मान करेंगे, भले ही उनका मत स्वीकार न किया जाए. दो साल पहले पार्रिकर ने वरिष्ठ पार्टी नेता लालकृष्ण आडवाणी को ‘‘बासी अचार’’ कहा था.
आज से शुरु हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी के बारे में उन्होंने कहा कि पार्टी को अगले चुनावों में किसी चेहरे को पेश करने या नहीं करने को लेकर कम से कम एक शेड्यूल बनाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘तकनीकी रुप से चुनाव 10 महीने दूर हैं..आपको :पार्टी: एक समय सारणी तैयार करनी चाहिए. आपको फैसला करना चाहिए कि क्या प्रधानमंत्री :उम्मीदवार: या संभावित प्रधानमंत्री होना चाहिए या ऐसे संकेत देने चाहिए. आपको उसके लिए शेड्यूल बनाना चाहिए.’’
गोवा के मुख्यमंत्री का मानना है कि चुनाव से कम से कम छह महीने पहले पार्टी का चेहरा पेश किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए उसके लिए अभी भी दो महीने बचे हैं.’’ अपनी बात को उचित ठहराते हुए उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय लोगों की इच्छा पर विचार करते हुए, कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संकेत दिया जाना चाहिए..यह मेरी निजी राय है.’’ उन्होंने अपने मामले का उल्लेख किया, जिसमें उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया गया था लेकिन उन्हें पार्टी का चेहरा बनाए जाने के बारे में ‘‘पर्याप्त संकेत’’ थे जिससे पार्टी सत्ता में आने में सफल हुई.
मोदी के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करते हुए पार्रिकर ने कहा कि मोदी पहले ही ‘‘लोकप्रियता की पहली परीक्षा’’ पास कर चुके हैं और सहयोगियों के बीच उनकी स्वीकार्यता पर विवाद को ‘‘गौण’’ करार दिया.
मुख्यमंत्री ने रेखांकित किया, ‘‘सरकार बनाने के लिए आपको पहले लोकप्रियता के मामले में पास होने की आवश्यकता है और फिर संख्या पर. स्वीकार्यता गौण कारक है. स्वीकार्यता का कारक केवल तभी उठता है जब आपको संख्या :सरकार बनाने लायक: मिलती है.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या मोदी ने ‘‘पहली परीक्षा’’ पास कर ली है, उन्होंने जवाब दिया, ‘‘हां मुझे ऐसा ही लगता है.’’ उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यदि मोदी को पार्टी के चेहरे के रुप में पेश किया जाता है तो भाजपा अपने साथ ‘‘रहने वाले सहयोगियों’’ के साथ 220 से अधिक सीटें जीत सकती है. पार्रिकर ने कहा, ‘‘जब तक आप 210 सीटों :543 सदस्यीय लोकसभा में: या इतना आंकड़ा नहीं छूते, तब तक आप सरकार नहीं बना सकते.’’