चंडीगढ:हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा द्वारा हाल ही में की गयी विवादास्पद नियुक्तियों को को रद्द करने की भाजपा की मांग पर हुड्डा सरकार से जवाब मांगा है.
हरियाणा राजभवन के अधिकारी ने प्रेस ट्रस्ट को बताया कि भाजपा ने राज्यपाल को 30 जुलाई को ज्ञापन सौंपा था, जिसे राज्य सरकार के पास टिप्पणी के लिए भेज दिया गया था. राज्य सरकार से 15 दिन के भीतर अपनी टिप्पणी देने के लिए कहा गया था.
नव नियुक्त राज्यपाल को सौंपे गए ज्ञापन में भाजपा ने राज्य के दो सूचना आयुक्तों और हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग के तीन आयुक्तों की नियुक्तियों को अवैध और असंवैधानिक बताते हुए उन्हें रद्द करने की मांग की थी.
28 जुलाई को नए राज्यपाल के पद संभालने के एक घंटे बाद ही हुड्डा ने इन अधिकारियों को शपथ दिलवाकर विवाद को जन्म दे दिया था.
हुड्डा सरकार पर नियमों और पर्याप्त प्रक्रियाओं का पालन न करने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने कहा था, संविधान के अनुसार, नियुक्ति पत्र शपथ दिलाने से पहले जारी किए जाने चाहिए. लेकिन हुड्डा सरकार ने इसकी परवाह ही नहीं की.
भाजपा ने यह कहते हुए तत्कालीन मुख्य सचिव एस सी चौधरी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की भी मांग की थी कि उन्होंने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी प्रदीप कासनी पर नियुक्तियों से जुडे गलत काम करने के लिए कथित तौर पर दबाव बनाया.
हालांकि चौधरी कहते रहे हैं कि नियुक्तियां करने और उन्हें शपथ दिलाने में कुछ भी अवैध नहीं था. नवनियुक्त लोगों के नामों को मंजूरी पूर्व राज्यपाल जगन्नाथ पहाड़िया ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिन यानी 25 जुलाई को दी थी.
राज्य सूचना आयोग के जिन दो सदस्यों को हुड्डा ने शपथ दिलाई, उनमें हरियाणा कैडर के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी शिव रमन गौड़ और सरकारी स्कूल की पूर्व शिक्षिका एवं हुड्डा के राजनैतिक सलाहाकार वीरेंद्र सिंह की पत्नी रेखा रानी भी शामिल हैं. गौड़ को राज्य सरकार में सलाहाकार स्वास्थ्य के रुप में दोबारा नियुक्त किया गया.