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पीएमआरएफ : मेजबान संस्थान के रूप में एनआईआरएफ के 100 सेंट्रल यूनिवर्सिटी भी होंगे शामिल

नयी दिल्ली : प्रतिभा पलायन रोकने के मकसद से शुरू की गयी प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप (पीएमआरएफ) को और समावेशी बनाने के लिये मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने दिशा-निर्देशों में आंशिक संशोधन किया है. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के तहत शोध के लिए अब ‘मेजबान संस्थान’ के रूप में नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क में स्थान बनाने वाले […]

नयी दिल्ली : प्रतिभा पलायन रोकने के मकसद से शुरू की गयी प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप (पीएमआरएफ) को और समावेशी बनाने के लिये मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने दिशा-निर्देशों में आंशिक संशोधन किया है. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के तहत शोध के लिए अब ‘मेजबान संस्थान’ के रूप में नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क में स्थान बनाने वाले 100 शीर्ष केंद्रीय विश्वविद्यालयों को भी शामिल करने को मंजूरी दी गयी है.

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मानव संसाधन विकास मंत्रालय में अवर सचिव कुंदन नाथ की ओर से जारी प्रपत्र में इस आशय के संशोधन की जानकारी सभी आईआईटी, आईआईएससी बेंगलुरु, यूजीसी के अध्यक्ष, एआईसीटीई के अध्यक्ष, सभी एनआईटी, सभी आईआईएसईआर, सभी आईआईआईटी, सभी केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपतियों को दी गयी है. प्रपत्र में कहा गया है कि प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप (पीएमआरएफ) के संबंध में 8 फरवरी, 2018 और 26 जुलाई, 2018 को जारी आदेश में आंशिक संशोधन किया गया है.

इसमें कहा गया है कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के तहत शोध के लिए अब मेजबान संस्थान के रूप में नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) में स्थान बनाने वाले 100 शीर्ष केंद्रीय विश्वविद्यालयों को भी शामिल करने को मंजूरी दी गयी है, जो सभी आईआईटी, आईआईएसईआर और आईआईएससी बेंगलुरू के अलावा होंगे. प्रपत्र में कहा गया है कि यह पीएमआरएफ योजना के तहत चयन के अगले दौर से प्रभावी होगी. इसके अलावा, 8 फरवरी, 2018 और 26 जुलाई, 2018 को जारी आदेश के अन्य प्रावधान यथावत रहेंगे.

गौरतलब है कि इस योजना के तहत ‘मेजबान संस्थान’ ऐसे संस्थान होते हैं, जहां प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप प्राप्त करने वाले शोध या अध्ययन करते हैं. प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप योजना के तहत पात्रता मानदंड पूरा करने वाले छात्रों को पहले 2 वर्षों के लिए 70,000 रुपये प्रति माह, तीसरे वर्ष के लिए 75,000 रुपये प्रति माह तथा चौथे और 5वें वर्ष में 80,000 रुपये प्रति माह की फेलोशिप प्रदान करने का प्रावधान है. इसके अलावा, प्रत्‍येक अध्‍येता को अंतरराष्‍ट्रीय सम्‍मेलनों और सेमिनारों में शोध पत्र प्रस्‍तुत करने के लिए उनकी विदेश यात्रा से संबंधित खर्च को पूरा करने के लिए 5 वर्ष की अवधि शोध अनुदान की बात कही गयी है.

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