नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ब्रिक्स के पांच देशों के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कल ब्राजील रवाना हो रहे हैं. 14 से 15 जुलाई के बीच आयोजित होने वाली इस शिखर बैठक में एक विकास बैंक की स्थापना को अंतिम रुप दिए जाने तथा संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संगठनों में सुधार की आवाज उठायी जाएगी.
कल रात बर्लिन में प्रवास के बाद मोदी सोमवार को ब्राजील के उत्तर पूर्वी तटीय शहर फोर्तालेजा के लिए रवाना होंगे जहां 15 जुलाई को ब्राजील, रुस , भारत , चीन और दक्षिण अफ्रीका के नेताओं की शिखर बैठक होगी. किसी बहुपक्षीय मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का मोदी के पास यह पहला मौका होगा.मोदी की इससे पूर्व बर्लिन में जर्मनी की चांसलर एंजला मर्केल से मुलाकात की योजना थी लेकिन जर्मनी के फीफा वल्र्ड कप में पहुंचने के कारण इस योजना को रद्द कर दिया गया क्योंकि मर्केल उस दौरान फाइनल के लिए ब्राजील में होंगी. मोदी के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी जा रहा है जिसमें वित्त राज्य मंत्री निर्मला सीतारमन , राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ए के डोभाल, विदेश सचिव सुजाता सिंह और वित्त सचिव अरविंद मायाराम शामिल हैं.
पिछले वर्ष डरबन में लिए गए फैसलों की आगे की कार्रवाई के रुप में ब्रिक्स की छठी शिखर बैठक हो रही है और यह नए भारतीय प्रधानमंत्री के लिए विश्व नेताओं से मुलाकात का पहला अवसर होगा जहां चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और रुसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के साथ वह द्विपक्षीय मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे.
शिखर बैठक के नतीजों को समेटे हुए एक ‘‘फोर्तालेजा घोषणापत्र’’ जारी किए जाने की भी संभावना है. इस बारे में बातचीत का दौर पहले से ही जारी है और इसके लिए विदेश मंत्रलय में आर्थिक संबंध मामलों की सचिव सुजाता मेहता को मोदी ने जिम्मेदारी सौंप रखी है. ब्रिक्स विश्व के कुल भूभाग में एक चौथाई से अधिक की हिस्सेदारी रखता है , आबादी में उसकी भागीदारी 40 फीसदी और इसका संयुक्त सकल घरेलू उत्पाद 24 खरब डालर का है.
अधिकारियों का कहना है कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सुधारों की जरुरत को समर्थन मिलने और साथ ही विश्व बैंक तथा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष जैसी संस्थाओं में सुधार की आवाज उठाने के प्रति आशावान है. शिखर बैठक में ब्रिक्स विकास बैंक के आगे आकार लेने की संभावना है जिस पर 100 अरब डालर की राशि के साथ एक ठोस कोष बनाया जाएगा. इस पर डरबन में व्यापक समझौता हो गया था.
इस बारे में चर्चाओं का दौर जारी है कि प्रत्येक सदस्य राष्ट्र का योगदान कितना रहेगा और इसका मुख्यालय कहां स्थित होगा, शंघाई में या नई दिल्ली में. यह एक विकास बैंक होगा जो ब्रिक्स के सदस्य देशों तथा अन्य विकासशील देशों को रियायती रिण देगा. शिखर बैठक से पूर्व एक मंत्रीस्तरीय बैठक होगी और साथ ही ब्रिक्स बिजनेस कौंसिल की भी बैठक होगी जिसमें सदस्य देशों के व्यावसायी भाग लेंगे. शिखर बैठक से इतर मोदी दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति जैकब जुमा और मेजबान देश के राष्ट्रपति दिलमा रौसोफ से भी मुलाकात करेंगे.