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जैश की नापाक हरकतों से 20 साल में दो बार पैदा हुई भारत-पाक युद्ध की स्थिति, भोले-भाले मुस्लिम युवाओं को करता रहा है गुमराह

नयी दिल्ली : पाकिस्तान का आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद अपने दुस्साहसिक आतंकवादी हमलों की वजह से भारत और पाकिस्तान दो दशकों में दो बार युद्ध की कगार पहुंच गये. जैश अपनी नापाक हरकतों को ‘गजवा-ए-हिंद’ यानी हिंदुस्तान के खिलाफ पाक युद्ध बता कर दुनियाभर के कट्टरपंथी मुस्लिम युवाओं को गुमराह करता रहा है. इसी की बदौलत […]

नयी दिल्ली : पाकिस्तान का आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद अपने दुस्साहसिक आतंकवादी हमलों की वजह से भारत और पाकिस्तान दो दशकों में दो बार युद्ध की कगार पहुंच गये. जैश अपनी नापाक हरकतों को ‘गजवा-ए-हिंद’ यानी हिंदुस्तान के खिलाफ पाक युद्ध बता कर दुनियाभर के कट्टरपंथी मुस्लिम युवाओं को गुमराह करता रहा है. इसी की बदौलत उसने खुद को सबसे घातक आतंकवादी समूह बना लिया है.
पिछले 20 वर्षों में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे घातक आतंकवादी हमलों में पठानकोट एयरबेस और उरी में सैन्य ब्रिगेड मुख्यालय पर हमला, श्रीनगर में बादामीबाग कैंट पर हमले और जम्मू कश्मीर विधानसभा के पास बम विस्फोट शामिल हैं. एक सुरक्षा अधिकारी ने रविवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान 2001 में उस समय युद्ध की कगार पर आ खड़े हुए थे, जब जैश ने भारतीय संसद पर हमला किया था .
इसी साल 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ की बस पर आत्मघाती हमले में 40 जवानों के शहीद होने के बाद एक बार फिर यही स्थिति बनी. एक खुफिया रिपोर्ट के हवाले से बताया गया कि अल-कायदा से जुड़े हुए आतंकवादी संगठन ने 27 नवंबर, 2017 को पाकिस्तान के ओकारा जिले में एक सम्मेलन आयोजित किया था, जिसमें भारत-पाकिस्तान संबंधों को ध्यान में रखे बिना ‘गजवा-ए-हिंद’ जारी रखने का संकल्प लिया गया था .
पाकिस्तान में किया था ‘गजवा-ए-हिंद’ जारी रखने का एलान
1999 : 24 दिसंबर, में इंडियन एयरलाइंस की उड़ान आइसी-814 का अपहरण किये जाने पर 31 दिसंबर, 1999 को आतंकी षड्यंत्रकर्ता मसूद अजहर ने भारतीय जेल से रिहा किये जाने के बाद जैश-ए-मोहम्मद का गठन किया गया था .
– इस संगठन ने जम्मू-कश्मीर में कई आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया है. घाटी में अप्रैल 2000 में किये गये हमले में 30 सैनिक शहीद हो गये थे.2000 : जून में श्रीनगर के बटमालू में एक बस स्टैंड पर हुए हमले में तीन पुलिसकर्मी मारे गये थे .
2001
– एक अक्तूबर को जम्मू कश्मीर विधानसभा पर बम विस्फोट में 31 लोगों की मौत हुई थी.
– 13 दिसंबर को संसद हमले में नौ सुरक्षाकर्मी तथा अधिकारी मारे गये थे .
– 11 सितम्बर को हुए हमले के ठीक तीन महीने बाद विधानसभा पर हमला और अफगानिस्तान में तोरा बोरा की गुफाओं में लादेन पर नकेल कसने के एक हफ्ते बाद संसद पर हमला हुआ .
2005 : गुलाब नबी आजाद के जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से कुछ घंटे पहले, दो नवम्बर, 2005 को जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती दस्ते ने श्रीनगर के नौगाम क्षेत्र में एक शक्तिशाली कार बम हमला किया, जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई और 18 अन्य घायल हो गये .
2016 : जैश के सशस्त्र समूह ने दो जनवरी, 2016 को पठानकोट एयरबेस पर हमला किया, जिसमें सात सुरक्षाकर्मी शहीद हो गये थे. इस घटना के सबूत के बाद भी पाक ने कोई कार्रवाई नहीं की.
2016 : जैश ने 18 सितम्बर, 2016 को उरी ब्रिगेड मुख्यालय पर हमला किया, जिसमें 17 सैनिक शहीद हो गये थे और 30 अन्य घायल हो गये थे .
पुलवामा हमला
पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाक के बालाकोट में जैश के सबसे बड़े शिविर पर हवाई हमला किया. इससे दोनों देशों के बीच युद्ध जैसी स्थिति पैदा हुई.
भारतीय जेल से रिहा होने के बाद बनाया जैश
24 दिसंबर, 1999 में इंडियन एयरलाइंस की उड़ान आइसी-814 का अपहरण किये जाने पर 31 दिसंबर, 1999 को आतंकी मसूद अजहर को भारतीय जेल से रिहा किया गया था. उसके बाद ही उसने जैश-ए-मोहम्मद का गठन किया गया था .

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