नयी दिल्ली : सरकार ने कहा है कि वह हिंसाग्रस्त इराक में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने के सभी विकल्पों पर विचार कर रही है. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को यहां संवाददाताओं ने पूछा था कि क्या भारत इराक में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए बड़े अभियान की योजना बना रहा है. इस पर सिंह ने कहा, हम इराक में हर भारतीय की सुरक्षा के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं. सभी सुझावों पर विचार कर रहे हैं.
भारत ने स्थानीय अधिकारियों की मदद से हिंसाग्रस्त इलाकों से 17 और भारतीयों को सुरक्षित निकाला है. इस प्रकार अब तक 34 भारतीयों को सुरक्षित निकाला जा चुका है. भारत ने इराक में फंसे सभी भारतीयों को सलाह दी है कि वे स्वेच्छा से अपने इंतजाम से भी निकल सकते हैं.
* पंजाब के आठ लोग स्वदेश लौटे
संकटग्रस्त इराक के नजफ में एक कंपनी के लिए काम कर रहे भारतीयों में से पंजाब के रहनेवाले आठ लोग बुधवार को स्वदेश लौटे. इनमें तीन जालंधर के हैं. नजफ से आनेवाले ये लोग घरवालों की मदद से इराक से अहमदाबाद एयरपोर्ट पहुंचे. यहां से आने के लिए उनके पास एक पैसा भी नहीं था.
अहमदाबाद से ट्रेन से जालंधर पहुचे कमलदीप ने कहा, वहां के हालात बहुत खराब हैं. हम तीन महीने पहले वहां गये थे. कंपनी ने हमारा पासपोर्ट जब्त कर लिया. हम 20-20 घंटे काम करते थे, पर पैसे नहीं मिलते थे. जब भी हमने पैसों की मांग की, हमें पीटा गया.ह्ण जालंधर के कमलदीप बताते हैं, ह्यजब इराक में लड़ाई शुरू हुई, तो मालिक से हमें वापस भेजने की बात की. पासपोर्ट लौटाने के लिए हमसे 400-400 डॉलर मांगा गया. हमने किसी तरह घर से पैसों की व्यवस्था की और इराक से दुबई आ गये. वहां से अहमदाबाद पहुंचे. अब हमारे पास एक भी पैसे नहीं थे. हम पैदल एयरपोर्ट से रेलवे स्टेशन पहुंचे.
इराक से लौटे कुलदीप ने कहा कि सेना से अवकाशप्राप्त कर्मी ने अहमदाबाद से जालंधर का टिकट कटा दिया. इराक से जो लोग लौटे हैं, उनमें जालंधर के कमलदीप, जगप्रीत, कुलदीप, फगवाड़ा के विनोद कुमार होशियारपुर के मंजीत सिंह व मंदीप सिंह, बटाला के बलदेव सिंह तथा गुरदासपुर जिले के बलविंदर सिंह शामिल हैं.