रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में भाजपा के मुकाबले प्रचंड बहुमत मिलने के बावजूद कांग्रेस अभी तक मुख्यमंत्री पद के लिए किसी के नाम पर फैसला भी नहीं कर पायी है. हालांकि, उसकी आेर से मध्य प्रदेश आैर राजस्थान में सरकार बनाने के लिए राज्यपाल के सामने दावा पेश करने की बात तो की जा रही है, लेकिन छत्तीसगढ़ के लिए तो अभी इस बात की भी सुगबुगाहट नहीं है कि पार्टी आलाकमान यहां के मुख्यमंत्री के तौर पर किसके नाम पर मुहर लगाती है. इस बीच, स्थानीय आैर राष्ट्रीय मीडिया में मुख्यमंत्री पद के दावेदारी करने वालों के नाम पर कयास जरूर लगाये जा रहे हैं. चर्चा इस बात की जरूर है कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक जल्द ही होने की संभावना है.
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गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस छत्तीसगढ़ में 90 में से 67 सीटों पर जीत हासिल कर पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने को तैयार है. प्रदेश में बहुमत की सरकार बनाने के लिए पार्टी को 46 सीटों की दरकार थी. चुनाव में 15 साल से प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह के खाते में महज 15 सीटें आयी हैं. सुबह साढ़े आठ बजे तक उपलब्ध परिणाम के अनुसार, कांग्रेस को 67 सीटें मिली हैं और वह एक सीट पर आगे चल रही है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी महज 15 सीटों पर सिमट कर रह गयी है. राज्य में मायावती नीत बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) को दो सीटें और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) को पांच सीटें मिली हैं. बसपा और अजीत जोगी की पार्टी ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था और उन्हें कुल सात सीटें मिली हैं.
बता दें कि 11 दिसंबर की शाम जैसे ही रुझानों में कांग्रेस को बहुमत मिलने के आसार स्पष्ट हो गये, रमन सिंह ने मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया. सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि वह हार की जिम्मेदारी लेते हैं और इसके लिए भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व कहीं जवाबदेह नहीं है. राज्य में अब सरकार के गठन के लिए कांग्रेस संसदीय दल की बैठक जल्द होने की संभावना है. 2013 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को 49 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस को 39 और बसपा तथा निर्दलीय को एक-एक सीटें मिली थीं.