नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय ने तय समय सीमा से ज्यादा दिनों तक केंद्रीय मंत्रियों के साथ रहनेवाले अधिकारियों को हटाने का निर्णय लिया है. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) इस बात पर चर्चा कर रहा है कि पूर्ववर्ती सरकार के मंत्रियों के साथ काम करने वाले स्टॉफ को रखा जाये या नहीं. स्क्रूटनी के बाद ही पीएमओ संभवत: नियुक्तियों को मंजूरी देगा. मंत्रियों के निजी सचिवों की नियुक्ति पर फिलहाल लगी रोक से गृह मंत्री राजनाथ सिंह सहित करीब आठ वरिष्ठ मंत्री प्रभावित होंगे. वे अपनी मरजी से निजी सचिव नियुक्त नहीं कर पायेंगे. नयी सरकार का यह फैसला नौकरशाही में आमूल-चूल परिवर्तन के रूप में देखा जा रहा है.
* सर्कुलर जारी : सूत्रों के मुताबिक कार्मिक मंत्रालय ने एक सर्कुलर जारी किया है, जिसके मुताबिक मंत्रियों के निजी स्टाफ में नियुक्ति के लिए कैबिनेट की नियुक्ति समिति से मंजूरी लेना अनिवार्य है. 26 मई को सभी विभागों के सचिवों को यह सुर्कलर जारी किया गया. स्पष्ट रूप से सभी मंत्रालयों व विभागों को सलाह दी गयी है कि वे सभी नियुक्तियों में प्रक्रिया का पूर्णत: अनुपालन करें.
* बनेगी नयी नीति : मोदी सरकार ने यूपीए सरकार के मंत्रियों से जुड़े 42 अधिकारियों का तबादला कर दिया है. प्रधानमंत्री कार्यालय ने मंत्रियों के निजी सचिवों की नियुक्ति पर एक रिपोर्ट मांगी है. ऐसा कहा जा रहा है कि सरकार इस संबंध में एक नीति बना रही है कि क्या ऐसे अधिकारियों को मंत्रियों का निजी सचिव बनाये रखा जाये, जो पूर्व सरकार के मंत्रियों के निजी सचिव भी रह चुके हैं.
* क्या है नियम : कार्मिक मंत्रालय के दिशा-निर्देश के मुताबिक कोई भी अधिकारी मंत्री के साथ 10 वर्षों से ज्यादा समय तक नहीं रह सकता है. यही नियम मंत्री के ओएसडी सहित अन्य अधिकारियों पर लागू होता है.
फैसले की वजह
मुख्य वजह पारदर्शिता है, क्योंकि किसी मंत्री के निजी कर्मचारी की सरकार के अहम फाइलों और नीतिगत फैसलों तक सीधी पहुंच होती है. अभी तक सरकार बदलने के बाद भी कई अधिकारी दूसरे सरकार के मंत्रियों के स्टाफ बनने में सफल हो जाते थे. मोदी सरकार मंत्रालयों में निजी हितों के जमावड़े को रोकना चाहती है. इसलिए नये अफसरों की नियुक्ति को तरजीह दे रही है.
* इन मंत्रियों पर पड़ेगा असर : पीएमओ के इस फैसले से गृहमंत्री राजनाथ सिंह, मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, ग्रामीण विकास मंत्री नितिन गडकरी, उड्डयन मंत्री गणपति राजू, गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू व विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह समेत कई प्रभावित हुए हैं.
* मंत्री व पसंदीदा अफसर : गृहमंत्री राजनाथ सिंह यूपी कैडर के आइपीएस आलोक सिंह को अपना निजी सचिव बनाना चाहते हैं, जो कि पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के साथ भी काम कर चुके हैं. वे अनौपचारिक तौर पर 29 मई से ही राजनाथ सिंह के साथ काम करना शुरू कर चुके हैं. मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के निजी सचिव रह चुके विनीता श्रीवास्तव को अपना निजी सचिव बनाना चाहती थीं.