नयी दिल्ली : संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे सीमांध्र के लिए कांग्रेस नेतृत्व वाली पिछली सरकार द्वारा की गई वचनबद्धता को लागू करने का अनुरोध किया, जिनमें उसे विशेष श्रेणी का दर्जा देना और पोलावरम बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना का क्रियान्वयन शामिल है.
सोनिया ने कहा कि आंध्र प्रदेश पुनर्गठन कानून 2014, जिसके जरिये तेलंगाना को आंध्र प्रदेश से अलग कर पृथक राज्य बनाया गया है, में सीमांध्र क्षेत्र के लिए भारत सरकार द्वारा विभिन्न निवेश और अन्य प्रतिबद्धतायें शामिल हैं. कांग्रेस अध्यक्ष ने इन वादों को पूरा करने में मोदी सरकार को पूरा सहयोग देने का वादा किया.
गांधी ने कल लिखे अपने इस पत्र में कहा,….. जल संसाधन, विशेष श्रेणी का दर्जा देने तथा पोलावरम परियोजना को आगे बढाने जैसे मामलों में से अनेक के लिए जमीनी कार्य पूर्ववर्ती संप्रग सरकार द्वारा पहले ही किया जा चुका है. मैं आशा करती हूं कि हमने जो काम पूरा किया था, उसे आपका प्रशासन आगे ले जायेगा.
उन्होंने कहा कि 20 फरवरी 2014 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और तत्कालीन गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने राज्यसभा में कुछ और वादे किये थे जिसपर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कुछ फैसले किये. उन्होंने अपने पत्र के साथ तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे द्वारा किये गये वादों का ब्यौरा भी नत्थी किया.
* सीमांध्र पर मोदी को लिखा सोनिया का पत्र बहुत महत्वपूर्ण :कांग्रेस
सीमांध्र की मदद के लिए सोनिया गांधी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र को कांग्रेस ने बहुत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि संप्रग सरकार ने सीमांध्र की जनता को अनेक वायदे किये हैं और अब राजग सरकार को उन्हें लागू करना है.
पार्टी नेता जयराम रमेश ने कहा, आंध्र प्रदेश की जनता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है. हमने जो वायदे किये और संसद ने जिन्हें पारित किया, उन्हें पूरा कराना है. कांग्रेस अध्यक्ष के पत्र में भी यही बात कही गयी है. यह बहुत महत्वपूर्ण पत्र है. रमेश ने कहा कि कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 के तहत पोलावरम परियोजना का भी वायदा किया था.
उन्होंने कहा, यह 30 जुलाई, 2013 के कांग्रेस कार्यसमिति के प्रस्ताव का भी हिस्सा है. पोलावरम एक राष्ट्रीय परियोजना है. वहां करीब 50,000 परिवारों का पुनर्वास किया जाना है. इन 50,000 परिवारों में से मोटे तौर पर 30,000 अकेले खम्माम जिले में हैं. हम अपेक्षा रखते हैं कि परियोजना की शुरुआत से पहले पुनर्वास किया जाएगा.
रमेश के मुताबिक, हम उम्मीद करते हैं कि पुनर्वास कार्य मानवीय तरीके से किया जाएगा. उचित मुआवजा दिया जाएगा। पुनर्वास लोकतांत्रिक तरीके से किया जाएगा. कोई जबरदस्ती पुनर्वास नहीं होगा. सोनिया गांधी ने मोदी को पत्र लिखकर उनसे अनुरोध किया है कि कांग्रेस नीत संप्रग सरकार द्वारा सीमांध्र से किये गये वायदों को लागू कराएं. इसमें राज्य को विशेष श्रेणी का दर्जा दिया जाना शामिल है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने पत्र में लिखा कि आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 में केंद्र ने सीमांध्र क्षेत्र से अनेक वायदे किये हैं. सोनिया ने इन प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में मोदी सरकार को सभी तरह के सहयोग का भरोसा दिलाया.