चेन्नई: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन अपने मंगल ऑर्बिटर अभियान के पथ में अगला संशोधन आगामी 11 जून तक कर सकता है.मंगल अभियान के ‘‘सही दिशा में’’ होने और ‘‘सही स्थिति में’’ लाल ग्रह की ओर बढने के कारण इसरो ने घोषणा की थी कि अप्रैल में होने वाला पथ संशोधन जरुरी नहीं है. इस कारण इसरो ने पथ संशोधन की प्रक्रिया को इस माह तक स्थगित कर दिया था.
इसरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘यह अभियान अच्छी हालत में और सही मार्ग पर है. हमने मंगल अभियान के अगले पथ संशोधन की प्रक्रिया 11 जून को करने की योजना बनाई है. इसपर अंतिम निर्णय अभी बाकी है.’’ उन्होंने कहा कि यह अंतरिक्ष यान अब कुल दूरी (48 करोड किलोमीटर) का दो तिहाई हिस्सा पार कर चुका है. इसके बाद सितंबर में अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा यान को मंगल की कक्षा में स्थापित करने से पहले अगस्त में पथ संशोधन तय किया गया है.
मंगल अभियान की शुरुआत पिछले साल 5 नवंबर को मंगलयान के श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपण के साथ की गई थी। मंगलयान का लक्ष्य इस साल 24 सितंबर तक लाल ग्रह के पर्यावरण में पहुंचने का है. यह यान 9 अप्रैल को मार्ग की आधी दूरी तय कर चुका है.
इसरो के वैज्ञानिक लगातार इस यान पर नजर बनाए हुए हैं. इसके लिए वे अपने ‘डीप स्पेस नेटवर्क’ का इस्तेमाल नासा-जेपीएल की सहायता के साथ कर रहे हैं.450 करोड रुपए की इस परियोजना के जरिए ग्रहों के शोध में वैज्ञानिक समुदाय को बेहतर अवसर मिलने की संभावना है.