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यूपी में धूल भरी तेज आंधी के साथ आ सकती भारी बारिश, देश के अन्य हिस्सों का जानें हाल…

नयी दिल्ली/लखनऊ : मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश के करीब एक दर्जन जिलों में अगले तीन घंटों के दौरान धूल भरी तेज आंधी के साथ भारी बारिश की आशंका जाहिर की है. मौसम विभाग की ओर से जारी की गयी चेतावनी में अगले तीन घंटे के दौरान सूबे के करीब एक दर्जन जिलों में भारी […]

नयी दिल्ली/लखनऊ : मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश के करीब एक दर्जन जिलों में अगले तीन घंटों के दौरान धूल भरी तेज आंधी के साथ भारी बारिश की आशंका जाहिर की है. मौसम विभाग की ओर से जारी की गयी चेतावनी में अगले तीन घंटे के दौरान सूबे के करीब एक दर्जन जिलों में भारी बारिश की आशंका व्यक्त की गयी है. इसमें जिन जिलों को शामिल किया गया है, उनमें लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली, बाराबंकी, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, बहराइच, गोंडा, कासगंज, एटावा, कन्नौज, प्रतापगढ़ और इनके आसपास के क्षेत्र शामिल हैं, जहां भारी बारिश होने की आशंका है.

दिल्ली में सुबह से ही छाये रहे बादल

इसके साथ ही देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार सुबह से ही आसमान में बादल छाये रहे. हालांकि, मौसम विभाग ने दिन में हल्की बारिश होने का पूर्वानुमान जताया था. राजधानी में सोमवार को न्यूनतम तापमान 27.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मौसम विज्ञान विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि हवा में नमी का स्तर 60 प्रतिशत दर्ज किया गया. मौसम विभाग ने दिन के दौरान अंधड़ के साथ हल्की बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने का पूर्वानुमान जताया है. मौसम विभाग ने बताया कि अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है.

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पूर्वोत्तर में बाढ़ से 23 की मौत, बचाव और राहत कार्य जारी

उत्तर और पूर्वोत्तर भारत की ओर मॉनसून बढ़ रहा है. इसी के चलते उत्तर भारत के कई राज्यों में बारिश हुई. हवा में आर्द्रता आने से दिल्ली में धूल भरे मौसम से लोगों को राहत मिली. उधर, असम में बाढ़ से स्थिति और खराब हो गयी है, इससे 6 जिलों में साढ़े चार लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. बाढ़ की तबाही के कारण 23 लोगों की अभी तक मौत हो चुकी है. यहां बाढ़ से स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है. रविवार को बाढ़ के कारण पांच लोगों को जान गंवानी पड़ी. एनडीआरएफ की टीमें मौके पर मौजूद हैं और बचाव कार्य जारी है.

विनाशकारी बाढ़ से 24 घंटे में छह लोगों की चली गयी जान

पूर्वोत्तर में विनाशकारी बाढ़ ने पिछले 24 घंटों में और छह लोगों की जान ले ली है. इस तरह मृतकों की संख्या बढ़कर 23 हो गयी है. हालांकि, क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति में थोड़ा सुधार देखने को मिला है. असम में रविवार से पांच और लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि मणिपुर में एक व्यक्ति की जान चली गयी. असम के छह जिलों में बाढ़ से लगभग 4 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. असम राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण के मुताबिक होजई, कर्बी आंगलांग पश्चिम, गोलाघाट, करीमगंज, हेलकांडी और कचरा जिलों में 4. 48 लाख लोग प्रभावित हुए हैं.

खतरे के निशान से ऊपर बह रही ब्रह्मपुत्र

ब्रह्मपुत्र नदी अभी जोरहाट में निमातीघाट और कचार में एपी घाट में खतरे के निशान से ऊपर बढ़ रही है. धनसीरी जैसी अन्य नदियां भी कुछ स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. मणिपुर की इंफाल घाटी में बड़ी नदियों का जलस्तर घटना शुरू हो गया है. सिर्फ लिलोंग नदी चेतावनी के स्तर से कुछ ऊपर बह रही है.

खराब मौसम की आशंका से मानसरोवर यात्रा प्रभावित

कैलाश-मानसरोवर यात्रा के दूसरे जत्थे में शामिल 57 तीर्थयात्रियों को सोमवार सुबह भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टरों की मदद से नैनी-सैनी हवाईपट्टी से गूंजी आधार शिविर ले जाया गया. ऐसा खराब मौसम की आशंका और दुरूह ट्रेक से बचने के लिए किया गया. पिथौरागढ़ के जिला मेजिस्ट्रेट सी रविशंकर ने बताया कि भारतीय

वायुसेना के चार हेलिकॉप्टर सोमवार की सुबह करीब सात बजे 57 श्रद्धालुओं को लेकर गूंजी पहुंचे. उन्होंने बताया कि वैसे तो लखनपुर से गूंजी के बीच का ट्रेकिंग का मार्ग ठीक है, लेकिन खराब मौसम की आशंका से श्रद्धालुओं को हवाई मार्ग से ले जाया गया. इससे उनका कुछ वक्त भी बच गया, जिसका इस्तेमाल वह नाभी और ऊंचाई पर स्थित अन्य गांवों में होमस्टे की सुविधा का आनंद उठाने के लिए कर सकेंगे.

भूस्खलन की वजह की जांच करायेगी केरल सरकार

केरल सरकार ने सोमवार को कहा कि वह इस बात की जांच करेगी कि कत्तीपारा में बड़े पैमाने पर हुए भूस्खलन की वजह पहाड़ी पर स्थित एक निजी चेक डेम तो नहीं है. गौरतलब है कि कोझीकोड जिले के कत्तीपारा में हुए भूस्खलन के कारण 13 लोगों की मौत हो गयी थी. मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने विधानसभा में बताया कि एक पैनल गठित किया गया है, जो बहुत जल्द अपनी रिपोर्ट में बतायेगा कि इस घटना की वजह चेक डेम का ढहना तो नहीं था. मुख्यमंत्री आपदा पर कांग्रेस की अगुवाई वाले यूडीएफ विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव पर जवाब दे रहे थे. विपक्ष ने आरोप लगाया कि चेक डेम से पानी के उफनने और इसके प्रभाव के कारण कत्तीपारा के करीनचोला में तबाही मची थी.

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