जयपुर: विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि सरकार उच्चतम न्यायालय को यह समझाने का प्रयास करेगी कि अन्य पिछड़ा वर्ग के 27 प्रतिशत कोटे में से अल्पसंख्यकों के लिए 4.5 प्रतिशत उपकोटा निकाला जाना धार्मिक विचार के आधार पर नहीं बल्कि पिछड़ेपन के आधार पर है.
खुर्शीद ने यहां एक सेमीनार में कहा, ‘‘हम :सरकार: उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ को यह समझाने का प्रयास करेंगे कि उपकोटा धार्मिक आधार पर नहीं बल्कि पिछड़ेपन के आधार पर है.’’ उन्होंने केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री के रहमान खान से उच्चतम न्यायालय के समक्ष यह पक्ष पेश करने के लिए कहा ‘‘धार्मिक आधार पर आरक्षण वैध नहीं है लेकिन हम धर्म के आधार पर समावेश कर सकते हैं. मंत्रिमंडल या चयन समिति के गठन में सभी वर्ग और धर्मों को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाता है और समावेश इसी स्वरुप (पैटर्न) के आधार पर किया जा सकता है.’’
खुर्शीद ने ‘‘सच्चर के सात वर्ष बाद’’ विषय पर आयोजित एक सेमिनार में कहा, ‘‘आरक्षण एक विशेष जाति को प्रदान नहीं किया जाता लेकिन यदि उस विशेष जाति के सभी लोग पिछड़े हैं तो उन्हें आरक्षण दिया जा सकता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसी तरह से ऐसे धर्म हो सकते हैं जिसमें लोग पिछड़े हुए हों, इसलिए आरक्षण पिछड़ेपन के आधार पर दिया जा सकता है.’’