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उपचुनाव : विपक्षी एकता से रुका भाजपा का विजय रथ, कैराना-नूरपुर समेत गंवानी पड़ी कर्इ सीटें

नयी दिल्ली : एकजुटता का परिचय देते हुए संयुक्त विपक्ष ने बुधवार को प्रतिष्ठित कैराना लोकसभा सीट और नूरपुर विधानसभा सीट भाजपा से छीन ली. उत्तर प्रदेश में भाजपा के लिए यह एक भारी झटका है. दोनों ही सीटों के लिए संयुक्त विपक्ष की रणनीति ने काम किया. विपक्ष ने ध्यान स्थानीय मुद्दों पर ही […]

नयी दिल्ली : एकजुटता का परिचय देते हुए संयुक्त विपक्ष ने बुधवार को प्रतिष्ठित कैराना लोकसभा सीट और नूरपुर विधानसभा सीट भाजपा से छीन ली. उत्तर प्रदेश में भाजपा के लिए यह एक भारी झटका है. दोनों ही सीटों के लिए संयुक्त विपक्ष की रणनीति ने काम किया. विपक्ष ने ध्यान स्थानीय मुद्दों पर ही केंद्रित रखा, जिसका लाभ उसे मिला. अब 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा के लिए संयुक्त विपक्ष की चुनौती की जमीन भी तैयार हो गयी है.

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सत्ताधारी भाजपा ने गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटें हारने के बाद कैराना में पूरी ताकत झोंक दी थी. खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भाजपा प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार की कमान संभाल रहे थे, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैराना के निकट ही रोड शो किया, जिसके बाद रालोद ने चुनाव आयोग से शिकायत की कि यह मतदान से एक दिन पहले चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास है. दूसरी ओर विपक्ष ने सुनियोजित रणनीति के तहत गन्ना बकाया और किसानों के संकट जैसे स्थानीय मुददों पर प्रचार केन्द्रित रखा. इससे चुनाव पर सांप्रदायिक रंग नहीं लगने पाया. यही विपक्ष की सफलता की बडी वजह बना.

रालोद प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा कि विपक्ष ने सांप्रदायिक आधार पर ध्रुवीकरण को रोकने के लिए सोची समझी रणनीति बनायी और सुनिश्चित किया कि किसान और गन्ना बकाया जैसे मुद्दे चुनाव के दौरान गर्म रहें. उन्होंने कहा कि इसी वजह से सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कैराना में प्रचार नहीं किया, बल्कि अखिलेश की ओर से जनता से लिखित अपील की गयी. रालोद के अजित सिंह और जयंत चौधरी ने चुनाव प्रचार की कमान संभाली थी. सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि चुनाव प्रचार के लिए व्यक्तिगत तौर पर जाना आवश्यक नहीं था.

अखिलेश यादव की ओर से एक अपील जनता को जारी की गयी थी और बाकी का काम स्थानीय नेताओं ने बखूबी किया. अखिलेश के व्यक्तिगत तौर पर वहां जाने की आवश्यकता महसूस ही नहीं हुई. संयुक्त विपक्ष की कैराना सीट पर प्रत्याशी रालोद की तबस्सुम हसन ने कहा कि हम ‘जियो और जीने दो’ के सिद्धांत में यकीन करते हैं. हम हर किसी से मिलते हैं. सबको साथ लेकर चलते हैं. हम शांति और सद्भाव से रहते हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा ने असल मुद्दे कभी नहीं उठाये. वे जिन्ना के फोटो का मुद्दा सामने लाये. आखिर जिन्ना एक समय यहां से थे, लेकिन बंटवारे के बाद स्थिति बदल गयी. असल मुद्दा ये नहीं है, बल्कि असल मुद्दा किसानों और गरीबों का है. इस पर भाजपा के पास कहने के लिए कुछ नहीं है.

हाल ही में विपक्ष ने गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों पर कब्जा किया था. इन सीटों पर क्रमश: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य काबिज थे, लेकिन उपचुनाव में दोनों सीटें सपा के खाते में गयीं. हालांकि, भाजपा ने कैराना और नूरपुर में पूरी ताकत झोंक दी थी. विशेषकर कैराना में उसने बहुत मेहनत की थी. कैराना से भाजपा प्रत्याशी मृगांका सिंह ने भावुक होते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों ने काफी काम किये हैं, लेकिन लगता है कि हम ये संदेश जनता तक नहीं पहुंचा पाये. उन्होंने कहा कि इन चुनावों में विपक्ष की गठबंधन की ताकत देखी गयी. भावी चुनावों में जीत के लिए भाजपा को और कड़ी मेहनत करनी होगी .

बिहारः जोकिहाट विधानसभा सीट से राजद के शाहनवाज आलम जीते

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने बिहार में सत्तारुढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) से जोकिहाट विधानसभा सीट 41,000 वोटों के अंतर से छीन ली. उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी बैजू नाथ कुमार ने बताया कि इस सीट पर राजद के शाहनवाज आलम ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी जदयू के मुर्शीद आलम को हराया. इस जीत से उत्साहित वरिष्ठ राजद नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री को नैतिकता के आधार पर इस पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.

मुस्लिम बहुल अररिया जिले की जोकिहाट विधानसभा सीट 2015 के चुनाव में जदयू ने जीती थी. इस उपचुनाव की राजद उम्मीदवार के बड़े भाई विधायक सरफराज आलम के इस्तीफे की वजह से जरुरत पैदा हुई. सरफराज आलम राजद के टिकट पर अररिया लोकसभा उपचुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे. उनके पिता तस्लीमुद्दीन के निधन के कारण अररिया लोकसभा उपचुनाव कराया गया था. तस्लीमुद्दीन ने पांच बार जोकिहाट विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया था. इस उपचुनाव में हार नीतीश कुमार के जदयू के लिए एक झटका है, जिसने आज की हार से पहले जोकिहाट में लगातार तीन बार जीत दर्ज की थी.

झारखंडः गोमिया एवं सिल्ली सीटों पर झामुमो का कब्जा बरकरार

झारखंड में झामुमो के दो विधायकों के विभिन्न आपराधिक मामलों में सजायाफ्ता होने से रिक्त हुए गोमिया तथा सिल्ली विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव में मुख्य विपक्षी झारखंड मुक्ति मोर्चा दोनों सीटों पर जीत दर्ज कर अपनी सीटें बचाने में कामयाब रही है. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एल ख्यांगते ने बताया कि दोनों सीटों पर झामुमो प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है. गोमिया में जहां झामुमो की बबिता देवी ने आजसू के लंबोदर महतो को कांटे की टक्कर में 1344 मतों से पराजित किया और भाजपा के माधवलाल सिंह तीसरे स्थान पर पिछड़ गये. वहीं, सिल्ली में झामुमो की उम्मीदवार सीमा महतो ने आजसू के अध्यक्ष सुदेश महतो को 13508 मतों से पराजित कर यह सीट झामुमो के पास बरकरार रखी. यह सुदेश महतो की सिल्ली में दिसंबर, 2014 के चुनाव के बाद लगातार दूसरी हार है, जो आजसू अध्यक्ष के रूप में उनके लिए बड़ा झटका है. सिल्ली सीट पर जहां झामुमो की उम्मीदवार सीमा को कुल 77121 मत प्राप्त हुए. वहीं, आजसू अध्यक्ष को 63613 ही मत प्राप्त हुए.

गोमिया सीट पर झामुमो की प्रत्याशी बबिता देवी को कुल 60551 मत प्राप्त हुए, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी आजसू के लंबोदर महतो को 59207 मत प्राप्त हुए. भाजपा के माधवलाल सिंह तीसरे स्थान पर पिछड़ गये और उन्हें सिर्फ 42037 मत प्राप्त हुए. झारखंड मुक्ति मोर्चा के दो विधायकों को अलग-अलग आपराधिक मामलों में दोषी करार दिये जाने और दो वर्ष की जेल की सजा सुनाये जाने के बाद उनकी विधानसभा की सदस्यता समाप्त हो गयी थी, जिसके बाद ये दोनों सीटें रिक्त हो गयीं. भाजपा ने गोमिया सीट पर और सरकार में उसकी सहयोगी आजसू ने गोमिया के साथ सिल्ली में भी जमकर पसीना बहाया था. दोनों सीटों पर जहां विपक्षी दलों ने एकजुटता के साथ झामुमो को समर्थन दिया. वहीं, सत्ता पक्ष के दोनों दल भाजपा और आज्सू गोमिया सीट पर एकदूसरे के आमने सामने खड़े रहे, जिसका दुष्परिणाम उन्हें भुगतना पड़ा.

उत्तराखंडः थराली सीट से भाजपा उम्मीदवार विजयी घोषित

चुनाव आयोग ने उत्तराखंड की थराली विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार मुन्नी देवी शाह को विजयी घोषित किया. आयोग की ओर से इस सीट पर 15 दौर की मतगणना के बाद घोषित चुनाव परिणाम के अनुसार, भाजपा की मुन्नी देवी को 25737 वोट मिले. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के डॉक्टर जीतराम शाह को 1981 मतों के अंतर से हराया. जीतराम को 23756 वोट मिले. थराली में मिली विजय से 70 सदस्यीय राज्य विधानसभा में भाजपा सदस्यों की संख्या बढकर फिर 57 हो गयी है. विजयी उम्मीदवार मुन्नी देवी दिवंगत विधायक मगनलाल शाह की विधवा है.

महाराष्ट्रः पालघर से भाजपा उम्मीदवार गावित राजेन्द्र विजयी घोषित

चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र की पालघर लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार राजेंद्र गावित को विजयी घोषित किया है. निर्वाचन अधिकारी प्रशांत नरनावारे द्वारा बुधवार को मतगणना के बाद घोषित चुनाव परिणाम के अनुसार, गावित को 2,72,782 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी श्रीनिवास चिंतामन वनगा को 2,43,210 मत प्राप्त हुए. तीसरे स्थान पर रहे बहुजन विकास आघाडी के उम्मीदवार बलीराम जाधव को 2,22,838 मत मिले. भाजपा सांसद चिंतामन वनगा के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव कराया गया. शिवसेना ने वनगा के बेटे श्रीनिवास वनगा को टिकट दिया था, जबकि भाजपा ने पूर्व कांग्रेस मंत्री गावित को चुनाव मैदान में उतारा था.

पश्चिम बंगालः महेसताला सीट पर तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार विजयी

चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में महेसताला विधानसभा सीट पर हुए उप-चुनाव में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार दुलाल दास को विजयी घोषित किया है. आयोग द्वारा बुधवार को घोषित चुनाव परिणाम के मुताबिक, दास ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के उम्मीदवार सुजीत घोष को 62,765 वोटों से हराया. दास को 104,818 वोट जबकि भाजपा के घोष को 42053 वोट मिले, जबकि वाम मोर्चा के उम्मीदवार प्रभात चौधरी, जिन्हें कांग्रेस का भी समर्थन प्राप्त था, को 30,384 वोट मिले. इस सीट पर 3742 मतदाताओं ने नोटा विकल्प का इस्तेमाल किया.

पंजाबः कांग्रेस ने अकाली दल से छीनी शाहकोट सीट

पंजाब की सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार हरदेव सिंह लाडी ने शाहकोट विधानसभा सीट से जीत दर्ज की. उन्होंने शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार नायब सिंह कोहाड़ को 38 हजार 801 मतों से पराजित किया. चुनाव कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि 28 मई को हुए उपचुनाव में लाडी को 82 हजार 745 वोट मिले, जबकि कोहाड़ को 43 हजार 944 वोट मिले. इस सीट को शिअद का गढ़ माना जाता था, जहां से नायब सिंह के पिता अजित सिंह कोहाड़ ने पांच बार जीत दर्ज की थी. इस जीत के साथ 117 सदस्यीय पंजाब विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या 78 हो गयी है, जो सदन में दो-तिहाई संख्याबल है. आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार रतन सिंह कक्कर कलां को महज 1900 वोट मिले. मतगणना के समय से ही लाडी बढ़त बनाए हुए थे. इसे 14 महीने पुरानी अमरिंदर सिंह सरकार की लोकप्रियता के पैमाने के तौर पर देखा जा रहा था.

नगालैंडः भाजपा की सहयोगी एनडीपीपी ने उपचुनाव में जीत हासिल की

भाजपा की सहयोगी नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) ने नगालैंड लोकसभा सीट के उपचुनाव में बुधवार को जीत दर्ज की. एनडीपीपी के उम्मीदवार ने एनपीएफ उम्मीदवार को 1.73 लाख से अधिक वोटों से शिकस्त दी. मुख्य चुनाव अधिकारी अभिजीत सिन्हा ने बताया कि एनडीपीपी उम्मीदवार तोखेहो येपथोमी ने एनपीएफ उम्मीदवार सी अपोक जमीर को उपचुनाव में 1,73,746 मतों से पराजित किया. येपथोपी को 5,94,205 मत मिले जबकि एनपीएफ उम्मीदवार जमीर को 4,20,459 वोट प्राप्त हुए. इस सीट पर 28 मई को मतदान हुआ था. सत्तारूढ़ पीपुल्स डेमोक्रेटिक अलायंस (पीडीए) के उम्मीदवार येपथोमी ने पिहेक और पेरेन जिलों को छोड़कर नौ जिलों में जीत दर्ज की. नेफ्यू रियो के मुख्यमंत्री बनने के बाद इस सीट पर उपचुनाव कराया जाना आवश्यक हो गया था. रियो ने फरवरी में लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. इस साल फरवरी में नगालैंड में चुनाव के बाद एनडीपीपी ने रियो के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनाने के लिए भाजपा से हाथ मिला लिया था.

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