नयी दिल्ली : सास-बहू का रिश्ता हमेशा से एक दिलचस्प विषय रहा है और अब इसी विषय पर आधारित एक नई किताब 11 विवाहित महिलाओं की कहानियों के जरिए इस बात पर प्रकाश डालेगी कि बहुओं को अपनी ‘‘मम्मीजी’’ इतनी खतरनाक क्यों लगती हैं.
पेंगुइन बुक्स इंडिया द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘‘द मदर-इन-ला’ में वेणु वेणुगोपाल राव ने लिखा है, ‘‘ हर बहू के पास बताने के लिए एक कहानी होती है और यह उसकी मम्मीजी के बारे में है.’’ वेणुगोपाल ने लिखा है, ‘‘ शहरी भारत में अब लगभग सभी बहुएं 20 वर्ष पहले की तुलना में अधिक पढी लिखी हैं लेकिन मम्मीजी ‘मुगल-ए-आजम’ से प्रभावित हैं.’’ उनका कहना है, ‘‘ उत्तर भारतीय मम्मीजी एक पक्की फैशन पुलिस है जो यह तय करती है कि उसकी बहू को क्या पहनने की इजाजत है. बहू को स्कर्ट, जींस, टी-शर्ट नहीं पहनने के कडे आदेश दिए जाते हैं. जबकि दक्षिण भारतीय सास ‘उचित पहनावे’ के बारे में अधिकतर सामान्य बयान देती हैं.’’
लेखक ने लिखा है कि अच्छी बहू पूरी बाजू का लंबा कुर्ता और सलवार पहनकर घर से निकलती है और कार में बैठते ही कुछ ही सेकंड में कुर्ते के बटन खोलकर मॉडर्न अवतार में आ जाती है. लेखक ने अपनी किताब में जापान में सात वर्ष में 91,000 महिलाओं पर किए गए सर्वेक्षण का हवाला दिया है जिसमें कहा गया है कि अपनी सास के साथ नहीं रहने वाली महिलाओं की तुलना में उन महिलाओं को हृदय संबंधी बीमारियों तीन गुणा अधिक होती हैं जो अपनी सास के साथ रहती हैं.