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मोदी, आडवाणी के बीच 40 मिनट तक गुफ्तगू

नयी दिल्ली : भावी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से मुलाकात की एवं शीर्ष नेताओं ने नई सरकार के गठन से जुडे मुद्दों पर चर्चा की. भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष नेताओं के बीच खास तौर पर इस बात पर चर्चा हुई कि […]

नयी दिल्ली : भावी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से मुलाकात की एवं शीर्ष नेताओं ने नई सरकार के गठन से जुडे मुद्दों पर चर्चा की.

भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष नेताओं के बीच खास तौर पर इस बात पर चर्चा हुई कि आडवाणी और जोशी के कद को देखते हुए उन्हें किस तरह का पद दिया जाए. ऐसी संभावना है कि पार्टी एवं ससंद में आडवाणी के अनुभव को देखते हुए उन्हें लोकसभा अध्यक्ष का पद दिया जा सकता है.

सरकार गठन से पहले दिल्ली का गुजरात भवन, संघ का स्थानीय मुख्यालय केशव कुंज और भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह का आवास गतिविधियों का केंद्र बना रहा. पार्टी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज, वेंकैया नायडू, कलराज मिश्रा और गोपीनाथ मुंडे ने संघ के वरिष्ठ नेता भैयाजी जोशी से मुलाकात की. इस बीच, संघ नेताओं ने बयान भी दिया कि सरकार गठन में उनकी कोई भूमिका नहीं होगी.

इन गतिविधियों में इसलिए भी तेजी आई क्योंकि चुनाव आयोग ने आज राष्ट्रपति को नवनिर्वाचित लोकसभा सदस्यों की सूची सौंपी. राष्ट्रपति को यह सूची मिल जाने के बाद वह नई सरकार के गठन की औपचारिक प्रक्रिया की शुरुआत कर सकेंगे. बीती रात गुजरात भवन में ठहरे मोदी आज दोपहर आडवाणी से मिलने उनके आवास पर गए. लोकसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद दोनों नेताओं की यह पहली औपचारिक मुलाकात थी. यह बैठक करीब 40 मिनट तक चली.

दोनों नेताओं ने कल भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक के दौरान मुलाकात की थी और मीडिया के समक्ष एक-दूसरे को शुभकामनाएं दी थी. ज की बैठक के बारे में आधिकारिक तौर पर तो कुछ भी नहीं कहा गया पर सूत्रों का कहना है कि नई सरकार में आडवाणी की भूमिका पर चर्चा हुई. आडवाणी ने मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने का विरोध किया था पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दखल के बाद वह मान गए थे. म के वक्त मोदी जोशी के घर गए. जोशी ने काफी ना-नुकुर के बाद मोदी के लिए वाराणसी सीट खाली की थी. मोदी ने करीब एक घंटे तक उनके साथ बैठक की.

ऐसी अटकलें हैं कि आडवाणी को लोकसभा अध्यक्ष का संवैधानिक पद दिया जा सकता है जिससे वह सरकार से स्वतंत्र होकर काम कर सकें. ऐसा माना जा रहा है कि सरकार के गठन के मामलों में संघ पर्दे के पीछे से अपनी भूमिका निभा रहा है. हालांकि, संघ के पदाधिकारी इससे इनकार करते रहे हैं.

गुजरात भवन भाजपा की राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र रहा. मंत्री पद पाने की आस लगाए गए बैठे कर्नाटक के नेता बी एस येदियुरप्पा और अनंत कुमार ने मोदी से मुलाकात की जबकि पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने शीर्ष नेताओं – अरुण जेटली, अमित शाह और महासचिव राम लाल के साथ चर्चा की.

भाजपा नेता एम वेंकैया नायडू, कलराज मिश्रा, हर्षवर्धन, गोपीनाथ मुंडे और राजीव प्रताप रुडी ने यहां संघ के नेताओं से मुलाकात की. बिहार में छह सीटें जीतने वाले लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान ने अपनी पत्नी और पुत्र चिराग के साथ मोदी से मुलाकात की. चिराग भी लोकसभा सदस्य चुने गए हैं. राजग की सहयोगी पार्टी नगा पीपुल्स फ्रंट के प्रमुख नीफियू रियो ने भी मोदी से मुलाकात की. बिहार के प्रभारी महासचिव धर्मेंद्र प्रधान ने भी बिहार के राजनीतिक घटनाक्रम की जानकारी देने के लिए मोदी से मुलाकात की. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कल अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.

यह बैठक ऐसे समय में हुई जब लोकसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद कल पहली दफा पार्टी संसदीय बोर्ड की बैठक हुई थी. कल यह फैसला किया गया था कि मोदी को 20 मई को औपचारिक तौर पर भाजपा संसदीय दल का नेता चुना जाएगा.

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