नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति इंदरमीत कौर ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में सीबीआइ द्वारा गिरफ्तार कार्ति चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुनवाई से मंगलवारको खुद को अलग कर लिया. मामले से अलग होने के बारे में न्यायमूर्ति कौर ने कोई वजह नहीं बतायी. उन्होंने बस इतना कहा कि वह इस मामले को मुख्य न्यायाधीश के पास भेजेंगी ताकि वह जमानत याचिका को आज ही किसी अन्य पीठ को सौंप दें.
यह जमानत याचिका सोमवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ के समक्ष लायी गयी थी और मंगलवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की गयी थी. कार्ति के अभिभावक पी चिदंबरम और नलिनी चिदंबरम दोनों ही वरिष्ठ अधिवक्ता हैं. वे अदालत कक्ष में मौजूद थे. पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति ने उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दायर की थी. इसके कुछ घंटे पहले एक अदालत ने उन्हें 24 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.
सोमवार को एक विशेष अदालत ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में कार्ति को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. अदालत ने उनकी वह याचिका भी खारिज कर दी थी जिसमें कार्ति ने खतरे की आशंका के मद्देनजर तिहाड़ जेल की अलग सेल में रखे जाने की मांग की थी. अदालत ने उनकी जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई का आग्रह और जेल में खतरे की बात भी खारिज कर दी. कार्ति का कहना था कि चूंकि पिछली संप्रग सरकार में बतौर केंद्रीय मंत्री उनके पिता पी चिदंबरम कई संवेदनशील मुद्दों से निपटे हैं, इसलिए उन्हें खतरा है.
चेन्नई में 28 फरवरी को गिरफ्तारी के बाद से कार्ति 12 दिन से सीबीआइ की हिरासत में थे, एजेंसी उनसे पूछताछ कर रही थी. सीबीआइ ने अदालत से कहा कि कार्ति को हिरासत में रखकर पूछताछ करने की अब जरूरत नहीं है. इसके बाद अदालत ने उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया था. अदालत ने कहा कि उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई निर्धारित तारीख 15 मार्च को ही होगी.