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चुनाव लड़ने वालों को अब पत्नी आैर आश्रितों की आमदनी के स्रोत का भी करना होगा खुलासा

नयी दिल्ली : अगर आप चुनाव लड़ने का मन बना रहे हों, तो आपको अपनी अामदनी के साथ ही पत्नी आैर आश्रितों की आमदनी के स्रोत का भी खुलासा करने के लिए तैयार हो जाना चाहिए. इस मसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आगामी लोकसभा चुनावों से पहले उम्मीदवारों को लेकर एक अहम […]

नयी दिल्ली : अगर आप चुनाव लड़ने का मन बना रहे हों, तो आपको अपनी अामदनी के साथ ही पत्नी आैर आश्रितों की आमदनी के स्रोत का भी खुलासा करने के लिए तैयार हो जाना चाहिए. इस मसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आगामी लोकसभा चुनावों से पहले उम्मीदवारों को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है.

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शीर्ष अदालत ने कहा कि चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवारों को अपनी आमदनी के साथ-साथ आपने पत्नी और बच्चों की आमदनी का स्रोत भी बताना होगा. गैर-सरकारी संस्था लोक प्रहरी की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव नामांकन के दौरान प्रत्‍येक उम्‍मीदवार को चल-अचल संपत्ति के साथ कमार्इ के स्‍त्राेत का भी खुलासा करने के आदेश दिये हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह फैसला सभी चुनावों में लागू होगा.

गैर-सरकारी संगठन लोक प्रहरी ने याचिका दाखिल कर कहा था कि चुनाव सुधारों को लेकर सुप्रीम कोर्ट सरकार और आयोग को आदेश दे कि नामांकन के वक्त प्रत्याशी अपनी और अपने परिवार की आय के स्रोत का खुलासा भी करें. हालांकि, मौजूदा नियमों के अनुसार, चुनावों में नामांकन के दौरान उम्‍मीदवार चुनाव आयोग को अपनी, अपने जीवनसाथी और आश्रितों की चल और अचल संपत्ति का ब्‍यौरा देता है, लेकिन आमदनी का स्‍त्रोत नहीं बताता है.

ऐसे में नया फैसला लागू होने के बाद चुनाव सुधारों में एक नया कदम माना जा रहा है. इस मुकदमे की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सांसद और विधायकों की संपत्ति में 500 गुना बढ़ोतरी को लेकर सुनवाई करते हुए सवाल पूछा था कि अगर सांसद और विधायक ये बता भी दें कि उनकी आय और संपत्ति में इतनी तेजी से बढ़ोतरी किसी कारोबार से हुई, तो भी ये सवाल उठता है कि सांसद और विधायक होते हुए आप कोई भी कारोबार कैसे कर सकते हैं?

गैर-सरकारी संगठन लोक प्रहरी यह चाहता था कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार के नामांकन फॉर्म में आमदनी के स्रोत का कॉलम भी जोड़ा जाये. साथ ही, वे अपनी पत्नी और आश्रितों की आय का स्रोत और संपत्ति का ब्योरा भी पेश करें. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए 12 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) से हलफनामे के जरिये एक जवाब देने को कहा था.

बता दें कि सितंबर में हुई सुनवाई के दौरान सीबीडीटी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामा में कहा था कि लोकसभा के 26 और राज्यसभा के 11 सांसदों और 257 विधायकों ने आय से अधिक संपत्ति बनायी है. सीबीडीटी ने बताया कि इस मामले की जांच आयकर विभाग ने की है और शुरुआती तौर पर लोकसभा के 26 में 7 सांसदों के बेहिसाब संपत्ति बनाने का पता चला है.

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