बेंगलुरु : उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश जे चेलमेश्वर ने युवाओं से शनिवार को कहा कि वे लोक नीति के सबसे बड़े दस्तावेज ‘भारतीय संविधान’ का आदर करें. भारतीय संविधान को देश के लिए बड़ी कुर्बानी देनेवाले स्वतंत्रता सेनानियों ने तैयार किया था. न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने कहा, ‘सबसे बड़ी लोक नीति भारतीय संविधान खुद है और जिस केंद्र ने उसे तैयार किया वह है संविधान सभा.’
उन्होंने कहा कि संविधान सभा के प्रत्येक सदस्य के व्यापक ज्ञान और इसके सदस्यों के बड़े अनुभव ने संवैधानिक दस्तावेज को समृद्ध बनाया. इसमें स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं कि देश का राजनीतिक भविष्य कैसा होना चाहिए. उन्होंने कहा कि दस्तावेजों में प्रत्येक शब्द अपना अनुभव और ज्ञान दर्शाता है. न्यायमूर्ति चेलमेश्वर शीर्ष न्यायालय के उन चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों में से एक हैं जिन्होंने हाल ही में मामलों के आवंटन समेत कई समस्याओं को उठाते हुए प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ बगावत कर दी थी. वह यहां एक शैक्षणिक संस्थान में एक विभाग के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे.
न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने कहा कि वह इस बात से वाकिफ हैं कि जरूरत के अनुसार समय-समय पर संविधान में संशोधन किया गया. न्यायमूर्ति चेलमेश्वर को अदालत में संन्यासी बताते हुए भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश एमएन वेंकटचलैया ने कहा, ‘न्याय, सच और साहस उनकी आत्मा के साथी हैं. उनके व्यक्तित्व के आयामों का आकलन करना असंभव है.’