रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा है कि राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में राजनीतिक पार्टियों की बढ़ती गतिविधियों के कारण नक्सली बौखला गए थे, जिसके कारण उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया है.
सिंह ने आज यहां सर्वदलीय बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में राजनैतिक दलों की गतिवधियां बढ़ गई थी. यह लोकतंत्र की स्थापना के लिए जरुरी भी है. इससे नक्सली बौखला गए और इसी बौखलाहट में नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला कर दिया.
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी दल कांग्रेस समेत अन्य दलों ने भी यहां रैली और अन्य गतिविधियां आयोजित की हैं. वहीं राजनीतिक पार्टियों ने क्षेत्र के ऐसे इलाके में अपने कार्यक्रम आयोजित किये हैं जहां पहले जाना मुश्किल होता था. नक्सलियों ने इसे चुनौती माना और राजनीतिक दल की रैली पर हमला कर दिया.सिंह ने कहा कि राज्य में इस साल विधानसभा के चुनाव होने है. ऐसे में राजनीतिक दल पर नक्सली हमला निश्चित तौर पर चिंता का विषय है. राज्य में शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव हो सके इसके लिए ज्यादा बल की आवश्यकता है.
सर्वदलीय बैठक का कांग्रेस द्वारा बहिष्कार करने को लेकर रमन सिंह ने कहा कि ऐसे समय में सभी राजनीतिक दलों को एकजुट रहना चाहिए और राजनीति भूलकर एकता प्रदर्शित करनी चाहिए. कांग्रेस के नहीं आने से वह दुखी हैं. कांग्रेस को बैठक में अपनी बात रखनी चाहिए थी.
उन्होंने कहा कि इस बैठक में शामिल सभी पार्टियों ने राज्य सरकार को अपने विचारों से अवगत कराया तथा इस समस्या से निपटने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं. सिंह ने कहा कि नक्सलियों ने बर्बरतापूर्ण कार्रवाई को अंजाम दिया है, जो भी नक्सल नेता इस कायराना हरकत में शामिल है उन्हें जल्द से जल्द सजा दिलाई जाएगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर माओवादियों की गतिविधि का केंद्र बन गया है और हम उन्हें इसी जगह पर हराएंगे और इस समस्या का खात्मा करेंगे. इस समस्या का खात्मा विकास के माध्यम से ही संभव है. सर्वदलीय बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के नेताओं ने भाग लिया.
छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के दरभा क्षेत्र में इस महीने की 25 तारीख को नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला कर दिया था, जिसमें छत्तीसगढ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल और पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा समेत 27 लोगों की मृत्यु हो गई थी. वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल समेत 37 लोग घायल हो गए हैं.