अमेठी: नेहरु-गांधी के इस गढ में भाजपा की लोकसभा उम्मीदवार स्मृति ईरानी नरेंद्र मोदी की ‘विकास पुरुष’ वाली छवि को पूरी तरह से भुनाने की कोशिश कर रही हैं. यह बात अलग है कि ईरानी को यहां के लोग नेता की बजाए छोटे परदे की बहू ‘तुलसी’ के तौर पर ज्यादा जानते हैं.
अमेठी के ग्रामीण इलाके में एक के बाद एक बैठकों में युवतियां और महिलाएं उनके इर्द गिर्द जमा हो जाती हैं और उनसे बातचीत करना चाहती हैं. 2000 से 2008 के बीच एकता कपूर के लोकप्रिय धारावाहिक ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में तुलसी के किरदार के कारण वह यहां काफी चर्चित हैं.अपनी बैठकों में 38 वर्षीय ईरानी भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का जोर शोर से नाम लेती हैं. वह स्थानीय लोगों से कहती हैं, ‘‘(मोदी)60 महीने में कर के दिखा देंगे जो कांग्रेस का प्रथम परिवार 60 साल में भी (यहां) नहीं कर पाया.’’ महत्वपूर्ण है कि 2004 में पार्टी से जुडने के ठीक बाद गुजरात दंगे पर ईरानी ने मोदी के इस्तीफे की मांग की थी.उस साल वह दिल्ली की चांदनी चौक सीट से कांग्रेस के कपिल सिब्बल के खिलाफ उतरी थी लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया.
भाजपा ने जब यह स्पष्ट कर दिया कि या तो वह बयान का खंडन करें या कार्रवाई के लिए तैयार रहे इसके बाद उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया.बहरहाल, उन्हें अब मोदी के करीबी लोगों में से माना जाता है. अपने प्रचार अभियान के दौरान ईरानी ने मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि 2004 में उन्होंने उनके खिलाफ काफी कठोर बयान दिया लेकिन उनका नामांकन मोदी की उदारता को दिखाता है.