मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के एक फैसले को दरकिनार कर दिया है जिसमें अपनी पत्नी पर केरोसिन छिड़क कर उसे जलाने के आरोप में एक व्यक्ति को उम्रकैद की सजा सुनायी गयी थी.
उच्च न्यायालय ने सजा कम करते हुए तनाजी खुडे को 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनायी। उच्च न्यायालय ने खुडे को गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराया.
न्यायमूर्ति पी डी कोडे और न्यायमूर्ति वी के तहिलारमानी ने कहा कि उनकी नजर में यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (पार्ट एक) के तहत आता है. यह धारा गैर इरादतन हत्या से संबंधित है.
अदालत सांगली जिले के वालवा तालुके से नेर्ले गांव के निवासी खुडे की अपील पर सुनवाई कर रही थी। इस्लामपुर सत्र अदालत ने जुलाई 2008 में उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत दोषी ठहराया था.
बचाव पक्ष के वकील अरफान सैत ने दलील दी कि यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 304 के पार्ट 2 के तहत आता है. लेकिन अदालत ने सैत की दलील को स्वीकार नहीं किया और कहा कि उसकी नजर में यह मामला धारा 304 के पार्ट एक के तहत आता है.