नयी दिल्ली/बीजिंग : अमरनाथ श्रद्धालुओं पर हुए आतंकी हमले के बाद जहां पूरी दुनिया ने भारत के घाव पर महलम लगायी है, वहीं पड़ोसी चीननेअबतक इसके लिए अबतक एक शब्द नहीं कहा है और न ही पाकिस्तान की ओर से ऐसा कोई बयान आया है. उल्टे चीन के विदेश मंत्रालय ने कश्मीर राग छेड़ कर भारत को चिढ़ाने वाला काम किया है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेंग शुआंग ने कहा है – भारत और पाकिस्तान दक्षिण एशिया के महत्वपूर्ण देश हैं. कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास टकराव जारी है, इससे न सिर्फ दोनों देश बल्कि पूरे क्षेत्र की शांति अौर स्थिरता को नुकसान है. शुआंग ने कहा कि हमें उम्मीद है कि दोनों पक्ष क्षेत्र में तनाव कम करने और शांति व स्थिरता बनाने में सहायक कुछ और जरूरी कदम उठाएंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध सुधारने में चीन रचनात्मका भूमिका निभाने का इच्छुक है.
चीन का यह बयान दु:ख की इस घड़ी में चिढ़ाने वाला है. ऐसे बयानों से चिढ़ तब और बढ़ जाती है जब भारत आतंकी हमले को सामना कर रहा है कश्मीर में किसी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं होने के उसके स्टैंड को पूरी दुनिया का परंपरागत रूप से समर्थन मिलता रहा है. आतंकवाद एक वैश्विक खतरा है और दुनिया का अहम देश, सुरक्षा परिषद का सदस्य व पड़ोसी राष्ट्र होने के कारण चीन सेअमरनाथहमले मुद्दे पर साकारात्मक रुख की उम्मीद थी. वहीं, पाकिस्तान की खामोशी को तो इस इस बात से जोड़ कर देखा जा सकता है कि आतंकी उसके यहां से ही आये थे और ऐसे कृत्य उसे कश्मीर की आजादी की लड़ाई नजर आते हैं.
दुनिया के देशों ने ऐसे अफसोस जताया
हम अमरनाथ श्रद्धालुओं पर हुए हमले की भर्त्सना करते हैं और सभी आतंकवादी कृत्यों की निंदा करते हैं. हम इस हमले से प्रभावित सभी परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं.
– अमेरिका के राजदूत
मैं जम्मू कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले की निंदा करता हूं. जर्मनी आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई में दृढ़ता से भारत के साथ है. जैसा जी-20 नेताओं ने हैम्बर्ग में हाल में ही अपना संकल्प दोहराया था, हम वैश्विक समुदाय के लिए साझा चुनौती के तौर पर आतंकवाद से निपटने के लिए कृतसंकल्प हैं.
– मार्टिन नी, राजदूत, जर्मनी
रूसआतंकवाद के खिलाफ एकजुटता प्रदर्शित करता है और आतंकवाद को किसी भी स्थिति में उचित नहीं ठहराया जा सकता है. यूरेशिया में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमारा संयुक्त प्रयास और एकजुटता होनी चाहिए.
– पावेल डोरोखिन, रूस के स्टेट डूमा सदस्य
हम अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर हुए हमले पर शोक प्रकट करते हैं. यह कायरतापूर्ण कृत्य है और इसकी निंदा करते हैं. बांग्लादेश सरकार एवं वहां के लोगों के प्रति हम शोक प्रकट करते हैं.
– शेख हसीना, प्रधानमंत्री, बांग्लादेश
हमारी संवेदनाएं भारत सरकार और लोगों के साथ हैं.
– शेर बहादुर देउबाए प्रधानमंत्री, नेपाल
भूटान अमरनाथ यात्रियों पर आतंकवादी हमले की निंदा करता है.
– ल्योन्पो दामचो दोरजी,विदेशमंत्री, भूटान