तिरुपति: कालाधन, आतंकवाद, नक्सलवाद आैर देश की अर्थव्यवस्था में हजारों करोड़ रुपये के नकली नोटों पर नकेल कसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल के नवंबर महीने में 500 आैर 1000 रुपये मूल्य के पुराने बड़े नोटों को प्रचलन से बाहर करने का एेलान किया था. इन दो बड़े नोटों को बंद करने के एवज में रिजर्व बैंक की आेर से 500 आैर 2000 रुपये के नये नोटों को बाजार में उतारा गया. बावजूद इसके आज भी इस देश में कहीं न कहीं 500 आैर 1000 रुपये के पुराने नोट नजर आ ही जाते हैं. बताया जा रहा है कि पिछले छह महीने में तिरुपति के प्रसिद्ध भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं ने 500, 1000 रुपये के प्रचलन से बाहर हो चुके पुराने नोटों में 24 करोड़ रुपये से अधिक की रकम दान के रूप में जमा करायी गयी है.
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मंदिर का प्रबंधन करने वाली तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीडीडी) के कार्यकारी अधिकारी अनिल कुमार सिंघल ने कहा कि पिछले छह महीने में मंदिर की हुंडी में श्रद्धालुओं ने 500 आैर 1,000 रुपये के प्रचलन से बाहर हो गये पुराने नोटों में 24 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि जमा की है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के हाल के आदेश को देखते हुए हम आज या कल रिजर्व बैंक और केंद्र को एक पत्र लिखकर इन पुराने नोटों की जानकारी देंगे, जिन्हें श्रद्धालुओं ने अपनी मन्नत पूरी होने पर चढ़ाया है.
गौरतलब है कि गत चार जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और रिजर्व बैंक को 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को मजबून जमा न करा पाये लोगों के लिए कोई व्यवस्था करने के विकल्प पर विचार करने की खातिर दो हफ्ते का समय दिया.