नयी दिल्ली : सफेद बिंदी लगाना एक फैशन हो सकता है पर अब इस चलन का इस्तेमाल बाल विवाह की कुरीति के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए किया जा रहा है. बाल विवाह के खिलाफ जनमत को एकजुट करने के मकसद से एक एनजीओ ने हजारों सफेद बिंदियों से लैस एक कलात्मक कृति का अनावरण कर ‘‘नो चाइल्ड ब्राइड्स’’ (कोई बाल दुल्हन नहीं) नाम की एक मुहिम शुरु की है.
इस कृति में कुल 39,000 बिंदियों से झारखंड की एक 15 साल की लडकी का चित्र बनाया गया है. चित्र बनाने के लिए 39,000 बिंदियों का इस्तेमाल इसलिए किया गया क्योंकि दुनिया भर में हर रोज करीब इतनी ही संख्या में बाल विवाह के मामले सामने आते हैं.इस परियोजना को शुरु करने वाले प्रखर जैन ने बताया, ‘‘शादीशुदा महिलाओं द्वारा लगायी जाने वाली लाल बिंदी प्यार और समृद्धि की प्रतीक है. यह भी माना जाता है कि बिंदियां महिलाओं को किसी अनहोनी से बचाती है. सफेद बिंदी लगाने का चलन है पर अब भी ज्यादा महिलाएं सफेद बिंदी नहीं लगातीं. लिहाजा, हमने सोचा कि सफेद बिंदी को बाल विवाह के खिलाफ एक प्रतीक के रुप में इस्तेमाल किया जा सकता है.’’
जैन ने अपने दोस्तों- सुमित और निखिल के साथ झारखंड और हरियाणा का दौरा किया और बाल विवाह का शिकार हुई दुल्हनों पर शोध किया एवं उनकी तस्वीरें ली. तकरीबन छह महीने के काम के बाद उन्होंने ‘चाइल्ड सर्वाइवल इंडिया’ नाम का एक एनजीओ शुरु किया जो भारत में बाल विवाह में कमी लाने की दिशा में काम करता है.